दमोह जिले के पटेरा में भगवती मानव कल्याण संगठन [video width=”1280″ height=”720″ mp4=”https://mpupdate24x7.com/wp-content/uploads/2025/04/VID-2025द्वारा अरविंद राजा ताम्रकार के आवास से 66 पेटी अवैध शराब की जब्ती एक महत्वपूर्ण घटना है जो क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ सक्रिय कार्रवाई को दर्शाती है। यह घटना 4 अप्रैल, 2025 की रात लगभग 2:00 बजे हुई, जब संगठन के सदस्यों ने सूचना के आधार पर ताम्रकार के घर पर छापा मारा और भारी मात्रा में अवैध शराब बरामद की। इस जब्ती के बाद, अरविंद उर्फ राजा ताम्रकार के खिलाफ मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम की धारा 34/2 के तहत मामला दर्ज किया गया, जो अवैध रूप से शराब रखने और बेचने से संबंधित है।
भगवती मानव कल्याण संगठन, जो एक सामाजिक और आध्यात्मिक संगठन के रूप में जाना जाता है, मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में नशा मुक्ति और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ अभियान चलाने में सक्रिय रहा है। पटेरा में यह कार्रवाई इसी व्यापक प्रयास का हिस्सा मानी जा सकती है। संगठन के सदस्य अक्सर स्थानीय स्तर पर अवैध गतिविधियों की सूचना एकत्र करते हैं और फिर स्वयं कार्रवाई करते हैं या संबंधित अधिकारियों को सूचित करते हैं। इस विशेष मामले में, संगठन के सदस्यों ने सीधे हस्तक्षेप किया और अवैध शराब को जब्त किया, जिससे स्थानीय पुलिस को आगे की कानूनी कार्यवाही करने का आधार मिला।
यह ध्यान देने योग्य है कि इसी दिन पटेरा में भगवती मानव कल्याण संगठन ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया, जिसमें एक ट्रक से लगभग 700 पेटी अवैध शराब जब्त की गई। यह दर्शाता है कि पटेरा क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार एक गंभीर समस्या बनी हुई है और संगठन इस समस्या से निपटने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इतनी बड़ी मात्रा में अवैध शराब की बरामदगी यह भी इंगित करती है कि इस कारोबार में संगठित गिरोह सक्रिय हो सकते हैं, जो राज्य के आबकारी नियमों को धता बताकर भारी मुनाफा कमा रहे हैं।
धारा 34/2 के तहत मामला दर्ज होने का मतलब है कि पुलिस अब इस मामले की विस्तृत जांच करेगी। इसमें यह पता लगाना शामिल होगा कि यह शराब कहां से लाई गई थी, इसके वितरण का नेटवर्क क्या था, और क्या इस अवैध कारोबार में और भी लोग शामिल हैं। अरविंद राजा ताम्रकार को गिरफ्तार किया जा सकता है और अदालत में पेश किया जाएगा, जहां उसे कानून के अनुसार सजा मिल सकती है।
भगवती मानव कल्याण संगठन की इस कार्रवाई का स्थानीय समुदाय पर कई तरह से प्रभाव पड़ सकता है। एक ओर, यह अवैध शराब की बिक्री और खपत को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे अपराध और सामाजिक अशांति में कमी आ सकती है। दूसरी ओर, यह संगठन के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा सकता है, जो सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि इस तरह की कार्रवाइयां कानून के दायरे में हों और किसी भी प्रकार की अराजकता या हिंसा को बढ़ावा न दें।
अवैध शराब का कारोबार न केवल राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह लोगों के स्वास्थ्य और सामाजिक व्यवस्था के लिए भी खतरा पैदा करता है। मिलावटी या नकली शराब के सेवन से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं और यहां तक कि मौतें भी हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त, अवैध शराब के कारोबार से जुड़े लोग अक्सर अन्य आपराधिक गतिविधियों में भी शामिल होते हैं।
दमोह जिले में इस तरह की लगातार कार्रवाइयां यह संकेत देती हैं कि स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संगठन अवैध शराब के खतरे को लेकर गंभीर हैं और इससे निपटने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। भगवती मानव कल्याण संगठन की सक्रियता इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो समाज के अन्य वर्गों को भी इस बुराई के खिलाफ आवाज उठाने और कार्रवाई करने के लिए प्रेरित कर सकती है। भविष्य में, इस तरह की कार्रवाइयों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए पुलिस और आबकारी विभाग के साथ बेहतर समन्वय की आवश्यकता हो सकती है। साथ ही, लोगों को अवैध शराब के सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना भी महत्वपूर्ण है ताकि इस मांग को कम किया जा सके और अवैध कारोबार को हतोत्साहित किया जा सके।
