पहचान बनाने नाम कमाने अंग्रेजी नाम रखा और फर्जी डिग्री ली
दमोह जिले के मिशन अस्पताल में हुई सात मरीजों की मौत के मामले में रिमांड के दौरान आरोपी फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव उर्फ (नरेंद्र केम जॉन) ने पूछताछ में यह कबूला है कि भारत की मेडिकल कम्युनिटी में अपनी पहचान बनाने के लिए विदेशी नाम रखा, उसके बाद इसी विदेशी नाम के सभी फर्जी दस्तावेज भी बनवा लिए, ताकि अन्य भारतीय डाक्टरों और मरीजों के बीच यह मेसेज जाए कि विदेश के डॉक्टर से इलाज हो रहा है. दमोह एसपी श्री सोमवंशी ने बताया कि रिमांड के दूसरे दिन पूछताछ में आरोपी डॉक्टर ने बताया है कि वह डॉक्टरी का काम जानता है, उसकी एमबीबीएस की डिग्री असली है, जो उसने नार्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज से की थी.
*अविवाहित है पर कागजों में पत्नि-बच्चों के नाम*
उसने बताया कि असली नाम नरेंद्र यादव है वो कानपुर का रहने वाला है, आरोपी ने अपने फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए पत्नी और बच्चों के फर्जी नाम भी शामिल किये, जबकि वह अविवाहित है. उसने यह भी बताया की एमडी कार्डियोलॉजिस्ट की डिग्री फर्जी बनवाई है, आरोपी इस बीच यूके गया और उसने एमडी एमआरसीपी का कोर्स करने के बाद एक, दो साल वाले कुछ और मेडिकल कोर्स किये, उसके बाद जब वह भारत आया तो नई परेशानी आई.यहां भारत की डिग्री की जरूरत थी, इसलिए यहां प्रेक्टिस करना संभव नहीं था.इसके लिए उसे भारत की एमडी कार्डियोलॉजिस्ट की डिग्री चाहिए थी और उसने वर्ष 2013 का एक पांडिचेरी मेडिकल कॉलेज के नाम से कार्डियोलॉजिस्ट का फर्जी सर्टिफिकेट बना लिया.
*पुराना पासपोर्ट मिला*
एसपी ने बताया कि पूछताछ में यह भी पता चला है कि ओरिजनल नाम का उसके पास एक पुराना पासपोर्ट था, जिससे वह विदेश गया.इसके बाद उसका पासपोर्ट एक्सपायर हो गया तो उसने फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर दूसरा पासपोर्ट बनवाया. पुलिस के पास उसका पुराना पासपोर्ट आ चुका है, एसपी ने बताया कि आरोपी कितने बार विदेश गया, किन- किन संस्थानों में उसने डिग्री की और उसकी यह बात कितनी सच है, इसका भी पता लगाया जा रहा है. आरोपी का कहना है कि उसे डॉक्टरी का पूरा काम आता है, उसने यह सब इसलिए किया कि बाहर की क्रिश्चियन कम्युनिटी में वह शामिल हो सके और एक बड़े विदेशी डॉक्टर के रूप में भारत में प्रैक्टिस करेगा तो उसे काफी पहचान मिलेगी, इसलिए उसने अपना नाम बदल लिया.आरोपी से पूछताछ जारी है जिसमें कुछ और खुलासा होने की संभावना है l
*वापस गई आयोग की टीम*
बहूचर्चित मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम ढाई दिन की जांच करने के बाद बुधवार को दिल्ली रवाना हो गई l इस दौरान टीम के सदस्यों ने मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाकर रखी, जबलपुर मेडिकल कॉलेज की टीम भी दमोह के मिशन अस्पताल में दस्तावेजों की जांच करने के लिए पहुंची थी और देर रात तक उन्होंने जांच की.टीम में शामिल डॉक्टर ने भी मीडिया को कुछ नहीं बताया टीम में शामिल डॉक्टर दीपक ने केवल इतना कहा कि अभी जांच चल रही है,इसलिए हम कुछ नहीं बता सकते l