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दमोह शहर में महावीर जयंती के पावन अवसर पर आयोजित भव्य शोभायात्रा

दमोह शहर में महावीर जयंती के पावन अवसर पर आयोजित भव्य शोभायात्रा न केवल जैन समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन थी, बल्कि यह शहर की एकता और सांप्रदायिक सौहार्द का भी प्रतीक बनी। सिटी नल से प्रारंभ हुई यह शोभायात्रा, जिसमें श्रद्धा और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिला, घंटाघर तक एक विशिष्ट मार्ग से गुजरी, जहाँ रास्ते भर श्रद्धालुओं ने भगवान महावीर के सिद्धांतों का स्मरण किया और भक्तिमय वातावरण निर्मित किया।
इस शोभायात्रा की भव्यता इस बात से भी परिलक्षित होती है कि इसमें प्रशासनिक और राजनीतिक क्षेत्रों के प्रमुख व्यक्तियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। दमोह के एसडीएम आरएल बागरी, तहसीलदार मोहित जैन और सीएसपी अभिषेक तिवारी जैसे उच्च अधिकारियों की उपस्थिति ने शोभायात्रा की व्यवस्था और सुरक्षा को सुनिश्चित किया। वहीं, टीआई मनीष कुमार और यातायात प्रभारी दलबीर सिंह मार्को के नेतृत्व में पुलिस बल ने यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आर आई अभिषेक जैन और आर आई सुरेश खटीक सहित अन्य पुलिस कर्मियों की सक्रिय भागीदारी ने शोभायात्रा को शांतिपूर्ण और अनुशासित बनाए रखा। प्रशासनिक अधिकारियों की यह सक्रिय भागीदारी दर्शाती है कि जिला प्रशासन इस धार्मिक आयोजन के महत्व को समझता है और इसके सफल आयोजन के लिए प्रतिबद्ध है।
राजनीतिक हस्तियों की उपस्थिति ने इस शोभायात्रा को और भी व्यापकता प्रदान की। स्थानीय सांसद राहुल सिंह, पूर्व विधायक अजय टंडन, रतन चंद्र जैन, मनु मिश्रा और नरेंद्र बजाज जैसे प्रमुख नेताओं ने शोभायात्रा में शामिल होकर न केवल जैन समुदाय के प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया, बल्कि विभिन्न समुदायों के बीच सद्भाव और एकता के संदेश को भी आगे बढ़ाया। इन नेताओं की उपस्थिति ने आम जनता को भी प्रेरित किया और शोभायात्रा में अधिक उत्साह का संचार हुआ। यह राजनीतिक सहभागिता दर्शाती है कि धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में सभी वर्गों की सक्रिय भागीदारी शहर के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करती है।
शोभायात्रा के मार्ग में विभिन्न स्थानों पर भगवान महावीर की शिक्षाओं और उनके जीवन दर्शन को दर्शाती झांकियां सजाई गई थीं, जो श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनीं। पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे जैन समुदाय के लोग भक्ति गीतों और नारों के साथ चल रहे थे, जिससे वातावरण पूरी तरह से भक्तिमय हो गया था। युवाओं और बच्चों की उत्साहपूर्ण भागीदारी भी शोभायात्रा का एक महत्वपूर्ण पहलू थी, जो यह दर्शाता है कि जैन धर्म के मूल्यों और परंपराओं को अगली पीढ़ी भी संजोए हुए है।
घंटाघर पहुंचने पर शोभायात्रा एक सभा में परिवर्तित हुई, जहां विद्वानों और समुदाय के प्रमुख लोगों ने भगवान महावीर के अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने वर्तमान समय में इन सिद्धांतों की प्रासंगिकता पर भी जोर दिया और सभी से अपने जीवन में इन मूल्यों को अपनाने का आह्वान किया। इस सभा में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने भाग लिया, जो धार्मिक सहिष्णुता और आपसी सम्मान का प्रतीक था।
कुल मिलाकर, दमोह शहर में महावीर जयंती पर आयोजित यह भव्य शोभायात्रा एक सफल और प्रेरणादायक आयोजन रहा। इसने न केवल जैन समुदाय को एक साथ आने और अपने धर्म के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया, बल्कि इसने शहर के प्रशासनिक, राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों के लोगों को भी एक मंच पर लाकर एकता और सद्भाव का संदेश दिया। इस प्रकार के आयोजन किसी भी शहर की सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर को समृद्ध करते हैं और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देते हैं।

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