धर्म और देश के अद्भुत संगम में दमोह में हुआ गौग्रास अर्पण, सेना के शौर्य को समर्पित जैन मिलन का भावपूर्ण आयोजन
दमोह – जब-जब राष्ट्र पर संकट आता है, तब-तब भारत का हर नागरिक धर्म और कर्तव्य की भावना से एकजुट हो उठता है। हाल ही में पाकिस्तान द्वारा की गई नापाक हरकत का जब भारतीय सेना ने पराक्रम से उत्तर दिया, तो देशभर में गर्व और उत्साह की लहर दौड़ गई। इसी भावना को सजीव करते हुए जैन मिलन नगर प्रमुख शाखा, दमोह ने एक विशेष गौग्रास अर्पण कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय गौशाला में किया जिसमें धर्म और देशप्रेम का अद्वितीय संगम देखने को मिला।
जैन दर्शन में गौसेवा को परम पुण्य माना गया है, और जब यह सेवा राष्ट्र के रक्षकों की वीरता को समर्पित हो, तो उसका स्वरूप और भी दिव्य हो जाता है।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और नवकार मंत्र के जाप से हुई। इसके बाद राष्ट्रगान और “भारत माता की जय” के जयघोषों से वातावरण देशभक्ति और भक्ति से गूंज उठा।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अतिवीर आर के जैन ने अपने उद्बोधन में कहा:
“हमारे सैनिक धर्म की रक्षा के लिए रणभूमि में खड़े हैं, और हम अपने स्तर पर सेवा और गौभक्ति के माध्यम से राष्ट्रधर्म निभा रहे हैं