दमोह के पटेरा के क्योस्क सेंटर में शासकीय दस्तावेज जब्त हुए हैं और पुलिस जांच कर रही है। यह निश्चित रूप से चिंताजनक है कि इस तरह की घटना हुई और यह सवाल उठाता है कि जिला प्रशासन ने इतने लंबे समय तक कार्रवाई क्यों नहीं की।
दमोह पुलिस की स्पेशल टीम ने कार्रवाई की और डिजिटल सिग्नेचर के डोंगल समेत 28 सीलें जब्त की हैं। यह दर्शाता है कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है।
लोगो को उम्मीद है कि पुलिस जांच तेजी से आगे बढ़ेगी और सच्चाई सामने आएगी। यह भी महत्वपूर्ण है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
प्रश्न चिन्ह खड़े होते हैं आखि़र इतना लंबे समय से लाखों रुपए की धनराशि का बंदरबाट किया ऐसे क्योस्क सेंटर मालिकों क्या करवाई होगी l
