दमोह जिले में मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी निगम मंडल एवं पेंशन संयुक्त मोर्चा के जिला अध्यक्ष के रूप में श्री एम एल सरैया का चयन वास्तव में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है
जिसके दूरगामी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। यह केवल एक औपचारिक नियुक्ति नहीं है, बल्कि यह जिले के शासकीय कर्मचारियों, निगम मंडल के कर्मचारियों और पेंशनरों की सामूहिक आकांक्षाओं और समस्याओं के समाधान की दिशा में एक ठोस कदम है।
श्री आरके मिश्रा द्वारा प्रस्तावित और श्री ललित कुमार चौबे द्वारा समर्थित यह प्रस्ताव, जिस पर सभी उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों ने सर्वसम्मति से अपनी स्वीकृति दी, यह दर्शाता है कि श्री सरैया की नेतृत्व क्षमता और उनकी निष्ठा पर सभी का अटूट विश्वास है। पुष्प मालाओं से उनका हार्दिक स्वागत इस विश्वास और सम्मान का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
दमोह जिले में विभिन्न शासकीय विभागों और निगम मंडलों में कार्यरत कर्मचारियों को अक्सर अपनी सेवा शर्तों, वेतन विसंगतियों, पदोन्नति के अवसरों और अन्य प्रशासनिक मुद्दों से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसी प्रकार, सेवानिवृत्त पेंशनर भी अपनी पेंशन के नियमित भुगतान, चिकित्सा सुविधाओं और महंगाई राहत जैसी समस्याओं से जूझते रहते हैं। एक संयुक्त मोर्चा के जिला अध्यक्ष के रूप में, श्री सरैया अब इन सभी वर्गों की आवाज़ को एक मंच पर लाने और प्रभावी ढंग से संबंधित अधिकारियों तक पहुँचाने में सक्षम होंगे।
उनकी भूमिका केवल ज्ञापन सौंपने या विरोध प्रदर्शन आयोजित करने तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उन्हें सरकार और प्रशासन के विभिन्न स्तरों पर नीति निर्माताओं के साथ संवाद स्थापित करना होगा, चर्चा करनी होगी और आपसी सहमति से समाधान निकालने की दिशा में काम करना होगा। उनकी नियुक्ति से कर्मचारियों और पेंशनरों के बीच एक नई उम्मीद का संचार हुआ है कि अब उनकी समस्याओं को अधिक गंभीरता से सुना जाएगा और उनका उचित निवारण किया जाएगा।
इस महत्वपूर्ण बैठक में मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस, आजाद अध्यापक संघ और राज्य कर्मचारी संघ जैसे प्रमुख कर्मचारी संगठनों के जिला अध्यक्षों और पदाधिकारियों की उपस्थिति यह दर्शाती है कि सभी संगठन एक साझा लक्ष्य के लिए एकजुट हैं। अमित सिंह (जिला अध्यक्ष, मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस), अभय भट्ट (जिला अध्यक्ष, आजाद अध्यापक संघ), संजीव ठाकुर (तहसील अध्यक्ष, राज्य कर्मचारी संघ), डॉ. रमेश अठया (उपाध्यक्ष, मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस), राजीव विश्वकर्मा (जिला सचिव, मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस) और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति इस बात का प्रतीक है कि जिले के कर्मचारी समुदाय ने श्री सरैया को अपना निर्विवाद नेता स्वीकार कर लिया है और वे उनके नेतृत्व में मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
श्री सरैया के सामने अब कई चुनौतियाँ होंगी। उन्हें विभिन्न कर्मचारी वर्गों की अलग-अलग समस्याओं को समझना होगा, उनकी प्राथमिकताओं को निर्धारित करना होगा और फिर एक सुसंगत रणनीति बनाकर उन समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास करना होगा। उन्हें सरकार और प्रशासन के साथ सौहार्दपूर्ण लेकिन दृढ़तापूर्ण संबंध बनाए रखने होंगे ताकि कर्मचारियों और पेंशनरों के हितों की रक्षा की जा सके।
उनकी सफलता न केवल दमोह जिले के कर्मचारियों और पेंशनरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी, बल्कि यह अन्य जिलों के लिए भी एक उदाहरण स्थापित करेगी कि एकजुट होकर और एक सक्षम नेतृत्व के तहत कैसे अपनी मांगों को प्रभावी ढंग से उठाया जा सकता है और उन्हें पूरा किया जा सकता है। यह नियुक्ति वास्तव में दमोह जिले के कर्मचारी जगत के लिए एक नई सुबह की तरह है, जहाँ अब सामूहिक प्रयासों से विकास और कल्याण के नए रास्ते खुलेंगे।
