*पेंशनर्स समाज दमोह की मासिक बैठक में पेंशनरों की समस्याओं और मांगों पर विस्तार से चर्चा हुई*
दमोह में पेंशनर मासिक बैठक जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।बैठक में मुख्य रूप से निम्नलिखित बिंदुओं पर जोर दिया गया:
*राहत राशि* छत्तीसगढ़ से स्वीकृति में हो रही देरी के कारण पेंशनरों को राहत राशि मिलने में विलंब हो रहा है। संघ ने मांग की है कि केंद्र सरकार की स्वीकृति के साथ ही पेंशनरों को राहत राशि प्रदान की जाए।
*इंक्रीमेंट और पेंशन पुनरीक्षण* 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को शीघ्र इंक्रीमेंट स्वीकृत कर उनकी पेंशन का पुनरीक्षण किया जाए। शिक्षा विभाग में इस प्रकार के कई मामले लंबित हैं।
*सेवानिवृत्ति पर औपचारिकता और लंबित प्रकरण*। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को विभाग माला पहनाकर विदाई तो दे देता है, लेकिन उनके पेंशन और अन्य बकाया भुगतान के मामले लंबे समय तक लंबित रहते हैं। विशेष रूप से शिक्षा विभाग में ऐसे मामलों का 15 दिनों के भीतर समाधान करने की मांग की गई।
*पेंशन कल्याण की जिला स्तरीय मीटिंग*। पेंशन कल्याण की जिला स्तरीय बैठक प्रत्येक तीन से चार माह में आयोजित करने के निर्देश हैं, लेकिन नवंबर 2024 में हुई बैठक का कार्यवाही विवरण अभी तक जारी नहीं हुआ है और अगली बैठक का समय भी हो गया है। संघ ने समय पर बैठक आयोजित करने, कार्यवाही विवरण जारी करने और भविष्य में बैठक एवं कार्यवाही संबंधी सभी कार्य कलेक्ट्रेट को सौंपने का अनुरोध किया है। शासकीय कर्मचारियों की तरह प्रत्येक विभाग में विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक भी बुलाने की मांग की गई।
*पेंशन कार्यालय में प्रकरण भेजने की प्रक्रिया* पेंशन कार्यालय में सेवानिवृत्ति से तीन माह पहले प्रकरण भेजने के निर्देश हैं, ताकि आपत्तियों का समय पर निराकरण किया जा सके। यह ज्ञात हुआ है कि पथरिया विकासखंड से पिछले 4-5 महीनों से कोई भी सेवानिवृत्त कर्मचारियों का पेंशन प्रकरण पेंशन कार्यालय नहीं भेजा गया है। इसके अतिरिक्त, आपत्तियों के बाद वापस भेजे गए पेंशन प्रकरणों को भी विभागों द्वारा महीनों तक निराकृत कर पुनः जमा नहीं किया जाता है।
*आठवें वेतन आयोग और पेंशन पुनरीक्षण* संघ को जानकारी मिली है कि आठवें वेतन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पेंशन का पुनरीक्षण नहीं किया जाएगा, जिससे राज्य के पेंशनर निराश हैं। उन्होंने पूर्वानुसार वेतन पुनरीक्षण के साथ-साथ पेंशन का भी पुनरीक्षण करने की मांग की है।
*सेवा पुस्तिकाएं* सेवानिवृत्त मृत कर्मचारियों के पेंशन प्रकरणों के निपटारे और पेंशन कार्यालय के ऑडिट के बाद सेवा पुस्तिकाएं संबंधित विभाग को लौटा दी जाती हैं, लेकिन अक्सर 10-15 वर्षों बाद विभाग में ये पुस्तिकाएं मिलती नहीं हैं, जिससे कर्मचारियों या उनके आश्रितों को परेशानी होती है। संघ ने मांग की है कि सेवा पुस्तिकाएं संबंधित कर्मचारी या उनके वारिस को सीधे सौंपी जाएं और उनकी पावती सुरक्षित रखी जाए।
*शिक्षा विभाग में ऑडिट और पेंशन प्रकरण* शिक्षा विभाग में ऑडिट के कारण भी पेंशन प्रकरण लंबित रहते हैं। शासन के निर्देशानुसार, सेवानिवृत्ति से दो साल पहले पेंशन प्रकरण की तैयारी और तीन माह पहले पेंशन कार्यालय भेजने का प्रावधान है। संघ ने अनुरोध किया है कि ऑडिट का कार्य छह माह पहले कराकर प्रभार अन्य को सौंपा जाए और तीन माह पूर्व प्रकरण पेंशन कार्यालय भेजा जाए।
*लंबित पेंशन प्रकरणों का भुगतान*। जिन कार्यालयों में सेवानिवृत्ति की तारीख से एक माह से अधिक समय से विभागीय, न्यायालयीन, तकनीकी या अन्य कारणों से पेंशन प्रकरण लंबित हैं, उनमें नियमानुसार प्रत्याशित/पूर्वानुमानित पेंशन स्वीकृत कर भुगतान शुरू किया जाए।
*अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण* अनेक मृत शासकीय कर्मचारियों के अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण पद रिक्त होने के बावजूद नियुक्तिकर्ता अधिकारी (संभागीय या शासन) के स्तर पर लंबित हैं। जिले में रोस्टर है, लेकिन संभाग स्तर पर कोई रोस्टर नहीं है, जिससे अनावश्यक रूप से प्रकरण वापस कर दिए जाते हैं। संभाग में रोस्टर की जांच कराने की मांग की गई।
*हटा में शिक्षक की हत्या*। हटा में सेवानिवृत्त शिक्षक श्री आर पी त्रिपाठी के शिक्षक पुत्र की लूट के बाद जलाकर हत्या करने की घटना की संघ ने कड़ी निंदा की और हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि उपरोक्त सभी जिला, राज्य और केंद्र स्तरीय मांगों को लेकर माननीय कलेक्टर महोदय को अलग-अलग ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
अंत में, पेंशनर्स समाज के प्रदेश महासचिव श्री आर सी मिश्रा की धर्मपत्नी और प्रदेश कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य शुक्ला जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए दो मिनट का मौन रखकर बैठक समाप्त की गई। बैठक में एम एल सरैया जी, सुरेन्द्र चौबे, ललित चौबे, पी एन अहिरवार, के सी जैन, नन्हे भाई पटेल, चौरसिया जी, के एल अहिरवार सहित अनेक पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे।
