
दमोह में 15.05.2025 की रात लगभग 10 बजे एक व्यक्ति के जलने की सूचना पुलिस को मिली, जिसकी बाद में ज़िला अस्पताल दमोह में मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस ने मर्ग क्रमांक 36/25 धारा 194 बीएनएसएस के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। घटना की गंभीरता को देखते हुए दमोह पुलिस अधीक्षक महोदय ने तुरंत पुलिस टीम का गठन किया, जिसमें साइबर सेल, फोरेंसिक एक्सपर्ट, फिंगर प्रिंट टीम और डॉग स्क्वॉड शामिल थे।घटनास्थल का निरीक्षण किया गया, जहां मृतक की खड़ी मोटरसाइकिल के पास एक थैला टंगा मिला, जिसमें कुछ दस्तावेज़ और ₹1200 नकद रखे थे। घटनास्थल पर लूट के कोई साक्ष्य नहीं मिले।आने-जाने के मुख्य टोल टैक्स स्थल के करीब 1 किमी पहले स्थित टोल प्लाज़ा व कस्बा हटा के करीब 200 कैमरों की सीसीटीवी फुटेज देखी गई। इन फुटेज में मृतक की मोटरसाइकिल के पीछे कोई संदिग्ध व्यक्ति आता-जाता नहीं दिखा। परिजनों के बयान और नए
मृतक की पत्नी और परिजनों ने बताया कि घटना दिनांक 15.05.2025 को सुबह 07:30 बजे हटा से प्यासी जी के यहां शादी में जाने की बात कहकर हड़बड़ाहट में निकले थे, जो जानकारी जांच में झूठी पाई गई। जांच में मृतक के ऊपर करीब ₹30-40 लाख का कर्ज़ होने और पैसे की आवश्यकता होने की बात सामने आई। जांच के दौरान यह भी पता चला कि 15.05.2025 को सोशल मीडिया पर दमोह में पदस्थ किसी पीके सिंह नामक पत्रकार व्यक्ति ने शिक्षक राजेश त्रिपाठी के विरुद्ध मई 2025 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी महोदय दमोह को एक शिकायत देकर एफआईआर दर्ज करने के आदेश संबंधी न्यूज़ प्रकाशित की थी। अन्य स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार, यह मामला अब लूट और हत्या का नहीं, बल्कि आत्महत्या का बताया जा रहा है, जिसमें शिक्षक ब्लैकमेलिंग से तंग आकर आत्महत्या करने पर मजबूर हुए। इस मामले में एक आरटीआई एक्टिविस्ट को गिरफ्तार किया गया है। एक शिकायत आवेदन पत्र से संबंधित है, जिसमें एक मृतक व्यक्ति के बारे में बताया गया है जिसने कथित तौर पर फर्जी बीएड (B.Ed) की मार्कशीट का उपयोग करके नौकरी प्राप्त की थी। शिकायत में कहा गया है कि यह व्यक्ति इस मामले में शामिल था। मृतक के द्वारा लिए गए पैसे या ऋण की गहन जांच की गई। जांच के दौरान, मृतक के मोबाइल नंबर की CDR (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) और एक स्वतंत्र गवाह, जितेंद्र भट्ट, निवासी ग्राम हर्रई, तेजगढ़, हटा, दमोह, मध्य प्रदेश, के बयान से यह सामने आया कि वर्ष 2018 में जितेंद्र भट्ट ने फर्जी बीएड की मार्कशीट होने की बात कहकर मृतक शिक्षक, स्वर्गीय श्री राजेश त्रिपाठी के खिलाफ शिकायत करने और FIR दर्ज कराने की धमकी देकर 20-22 लाख रुपये की मांग की। पैसे न देने पर, जितेंद्र भट्ट ने मृतक के खिलाफ फर्जी शिकायत आवेदन पंचायत कार्यालय में प्रस्तुत किया, जिससे मृतक मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित होकर 15.05.2025 को आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो गया। इस घटना के बाद, आरोपी जितेंद्र भट्ट के खिलाफ अपराध क्रमांक 187/25 धारा 108 बी.एन.एस. के तहत मामला दर्ज किया गया है और उसे गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया है।