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भीषण सड़क हादसे में तीन युवकों की मौत, सरकारी फॉर्च्यूनर की भूमिका पर सवाल

भीषण सड़क हादसे में तीन युवकों की मौत, सरकारी फॉर्च्यूनर की भूमिका पर सवाल
दमोह जिले के देहात थाना क्षेत्र अंतर्गत नरसिंहगढ़ चौकी के पास मारा तिराहा पर गुरुवार सुबह एक भीषण सड़क हादसे में तीन नवयुवकों की दुखद मौत हो गई। यह हादसा दमोह-छतरपुर स्टेट हाईवे पर हुआ, जहां एक हीरो कंपनी की बाइक (क्रमांक एचपी 34 जेडई 7497) और एक फॉर्च्यूनर (क्रमांक एमपी 03 ए 8643) के बीच जोरदार भिड़ंत हो गई।
मृतक और घटना का विवरण:
मृतकों की पहचान तेजगढ़ थाना क्षेत्र के बांदो पहाड़ गांव निवासी चंदन पिता गेंदालाल अहिरवार (उम्र 26 वर्ष), सोनू पिता नंदराम (उम्र 25 वर्ष), और संदीप पिता रामजी अहिरवार (उम्र 24 वर्ष) के रूप में हुई है। ये तीनों एक ही परिवार से थे और जेरठ में एक शादी समारोह में शामिल होकर वापस लौट रहे थे। सुबह करीब 5:15 बजे हुए इस हादसे में तीनों बाइक सवार युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। बताया जाता है कि टक्कर इतनी भीषण थी कि फॉर्च्यूनर गाड़ी भी आगे से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, जबकि बाइक सवार दूर जा गिरे और उनके सर फट गए, साथ ही हाथ-पैरों में भी गंभीर चोटें आईं।
पुलिस की कार्रवाई और उठते सवाल:
घटना की सूचना मिलते ही सीएसपी अभिषेक तिवारी, टीआई देहात रचना मिश्रा, चौकी प्रभारी नरसिंहगढ़ प्रशीता कुर्मी, चौकी प्रभारी सागर नाका रमाशंकर मिश्रा, चौकी प्रभारी जबलपुर नाका आनंद कुमार, यातायात सूबेदार भारती आर्य सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचा। तीनों शवों को जिला अस्पताल भिजवाया गया, जहां पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए रवाना किया गया। घटनास्थल से वाहनों को उठाकर थाने में रखवाया गया है और पूरी घटना की सूक्ष्मता से जांच-पड़ताल शुरू हो गई है।
हालांकि, इस मामले में पुलिस की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार फॉर्च्यूनर गाड़ी को “सरकारी वाहन” बताया जा रहा है, लेकिन पुलिस यह जानकारी देने से बच रही है कि गाड़ी कहां से कहां जा रही थी, किसके नाम पर रजिस्टर्ड है, और किस कंपनी की है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कार बेहद तेज रफ्तार में थी। पुलिस द्वारा जानकारी छिपाने से यह संदेह उठ रहा है कि क्या पुलिस किसी को बचाने का प्रयास कर रही है। सीएसपी अभिषेक तिवारी ने केवल इतना बताया है कि मृतक तेजगढ़ थाना क्षेत्र के बांदो पहाड़ निवासी थे और एक वाहन की टक्कर से इनकी मौत हुई है, जिसकी जांच चल रही है।
पारिवारिक क्षति और हेलमेट की अहमियत:
मृतक चंदन के पिता गेंदालाल ने बताया कि चंदन उनका इकलौता बेटा था और उसकी शादी चार साल पहले हुई थी, उसका डेढ़ साल का एक बेटा भी है। इस घटना से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है और पूरे गांव में मातम छाया हुआ है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने यह भी बताया कि जिस जगह यह घटना हुई, वहां एक मोड़ है और आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। तीन दिन पहले भी एक युवक की मौत हुई थी और 15 दिन पहले भी इसी तरह की दुर्घटना में एक परिवार के तीन लोगों की जान चली गई थी। इन सभी हादसों में एक बात सामान्य थी कि बाइक सवारों ने हेलमेट नहीं पहने हुए थे। यदि इन युवकों ने हेलमेट पहना होता, तो शायद उनकी जान बच सकती थी।
यह पूरी घटना जांच का विषय बनी हुई है, खासकर सरकारी वाहन की भूमिका और पुलिस की चुप्पी पर।

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