Home » अपराध » Mp » भगवान बिहारी जू: 20 साल से पंचायत भवन में कैद, 62 एकड़ जमीन के मालिक फिर भी बेघर

भगवान बिहारी जू: 20 साल से पंचायत भवन में कैद, 62 एकड़ जमीन के मालिक फिर भी बेघर

भगवान बिहारी जू: 20 साल से पंचायत भवन में कैद, 62 एकड़ जमीन के मालिक फिर भी बेघर

दमोह, मध्य प्रदेश: दमोह जिले की हटा तहसील के बिजावर गांव में भगवान बिहारी जू सरकार, करोड़ों रुपये की संपत्ति के मालिक होते हुए भी पिछले 20 सालों से एक कमरे में कैद हैं। 2005 में आई विनाशकारी बाढ़ में उनका मंदिर गिर जाने के बाद से उनकी प्रतिमा को गांव के पंचायत भवन के एक कमरे में स्थापित कर दिया गया है। यह सिलसिला दो दशक से चला आ रहा है, जहाँ प्रतिदिन सुबह-शाम आधे घंटे के लिए कमरा खुलता है, बिहारी जू को आरती और भोग लगाया जाता है, और फिर कमरा बंद कर दिया जाता है।

मंदिर का विध्वंस और अस्थायी निवास

2005 की बाढ़ ने बिजावर स्थित भगवान बिहारी जू सरकार के प्राचीन मंदिर को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था। उस समय, प्रतिमा को अस्थायी रूप से पंचायत भवन के एक कमरे में रखा गया था, इस उम्मीद के साथ कि जल्द ही एक नया मंदिर बन जाएगा। हालांकि, यह अस्थायी व्यवस्था अब एक स्थायी समस्या बन गई है।

करोड़ों की संपत्ति, फिर भी बेघर

ग्रामीणों के अनुसार, भगवान बिहारी जू सरकार के नाम पर 62 एकड़ कृषि भूमि है, जिसे सालाना ठेके पर दिया जाता है, जिससे लाखों रुपये की आय होती है। यह आय बिहारी जू के नाम पर एक निजी बैंक खाते में जमा की जाती है। ग्रामीणों का दावा है कि इस खाते में लगभग 60 लाख रुपये जमा हैं, जिसका उपयोग भगवान को भोग लगाने के लिए किया जाता है। बावजूद इसके, मंदिर का निर्माण अटका हुआ है।

कानूनी अड़चनें बनी बाधा

मंदिर गिरने के बाद, इसके निर्माण और संचालन की जिम्मेदारी राजस्व विभाग को सौंप दी गई थी। हालांकि, विभाग अभी तक मंदिर का निर्माण नहीं करा पाया है। ग्रामीणों और स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, मंदिर निर्माण में कुछ कानूनी दिक्कतें आ रही हैं, जिसके कारण काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। सालों पहले कुछ पिलर खड़े किए गए थे, लेकिन उसके बाद से कोई प्रगति नहीं हुई है।

अधूरा भूमि पूजन और सुलझा हुआ विवाद

2013 में, तत्कालीन विधायक उमा देवी खटीक ने मंदिर निर्माण के लिए पुनः भूमि पूजन किया था। उस समय, हटा एसडीएम ने मंदिर से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए एक समिति का गठन किया था। समिति को विवादों का हल करके मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करना था। हालांकि, क्षेत्र के नायब तहसीलदार शिवराम चढ़ार ने विवाद को और उलझा दिया है, और बैंक से राशि नहीं निकल पा रही है, जिससे निर्माण कार्य बाधित है।

प्रशासन का आश्वासन

ग्राम के वयोवृद्ध प्रमोद सिंह ने बताया कि 2005 में बाढ़ के कारण मंदिर गिर गया था और कुछ विवादों के कारण निर्माण नहीं हो पा रहा है। हाल ही में कुछ गड्ढे खोदे गए हैं। इस मामले में दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने आश्वासन दिया है कि उन्होंने तहसीलदार से बात की है और कुछ कानूनी अड़चनें आ रही हैं, जिन्हें दूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण शीघ्र ही शुरू होगा।

फिलहाल, भगवान बिहारी जू सरकार अपने भक्तों के साथ एक कमरे में कैद हैं, जबकि उनकी करोड़ों की संपत्ति अप्रयुक्त पड़ी है। भक्तों को बेसब्री से उस दिन का इंतजार है जब उनके आराध्य को एक बार फिर भव्य मंदिर में विधिवत स्थापित किया जाएगा।

इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया जारी करें

Leave a Comment

Share This

Recent Post

पुलिस अधीक्षक श्री सोमवंशी ने 04 आरोपियों पर किया 7 हजार का ईनाम घोषित दमोह पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने दमोह जिले के 03 प्रकरण में फरार आरोपी, फरार अज्ञात आरोपी, संदेही आरोपी पर 07 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया है।            पुलिस अधीक्षक श्री सोमवंशी ने प्रकरणों की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुये जिले के थाना मड़ियादो के अपराध क्रमांक 51/25 धारा -74,75,333,115(2),351(2),3(5) बीएनएस 7/8, 11/12 पाक्सो एक्ट के तहत फरार आरोपी 02 प्रकाश बंसल पिता रज्जू बंसल, राहुल बंसल पिता नन्हें बंसल निवासी सिमरी फतेहपुर थाना मडियादो पर 2500-2500 हजार रूपये इनाम घोषित किया है।             इसी प्रकार थाना मडियादो के अपराध क्रमांक 60/2025 धारा-137 (2) बीएनएस के तहत अज्ञात आरोपी पर 1000 हजार रूपये, थाना जबेरा के अपराध क्रमांक 154/2025 धारा-137 (2) बीएनएस के तहत संदेही आरोपी संजय यादव निवासी पडरिया थाना कटंगी पर 1000 हजार रूपये इनाम घोषित किया गया।             पुलिस अधीक्षक श्री सोमवंशी ने जानकारी दी है कि उक्त मामलों में जो कोई व्यक्ति/कर्मचारी/अधिकारी आरोपी को दस्तयाब करेगा या करायेगा या ऐसी उपयुक्त सूचना देगा जिससे फरार आरोपी, अज्ञात आरोपी एवं संदेही आरोपी की दस्तयाबी संभव हो सके ऐसे व्यक्ति को नकद पुरूस्कार से पुरूस्कृत किया जायेगा। उक्त ईनाम प्रदान करने के संबंध में पुलिस अधीक्षक का निर्णय अंतिम होगा।