*दीदी कैफे दीदीयों के लिये बहुत अच्छी कमाई का जरिया*
*हमारी दीदी अच्छा पैसा कमाएंगी और जीवन में आगे बढ़ेंगी*
दमोह राज्य सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सबसे पहले अजीविका मिशन चलाया, अजीविका समूह से जुड़ने के पहले जो महिलाएं घर से बाहर निकलना, बैंक जाना नहीं जानती थी जब से दीदी लोगों के समूह से जुड़ी हैं तबसे हम बहिनों को बात करने का तरीका आ गया और बाहर बैंक जाने लगी हैं, समूह से जुड़कर के महिलायें बहुत आगे बढ़ गई हैं। यह कहना है श्याम विश्वकर्मा का जो नया सवेरा सी.एल.एस. की अध्यक्ष है और कलेक्टर कार्यालय परिसर दमोह में दीदी कैफे का संचालन करती हैं। दीदी कैफे हमें कलेक्टर श्री सुधीर कुमार कोचर सर के सहयोग से अजीविका मिशन द्वारा मिला है और बहुत अच्छी दुकान है और महिलाओं को रोजगार देने का अच्छा प्लेटफार्म है। यह केवल महिलाओं द्वारा ही संचालित है, हम लोगो को बहुत अच्छा लग रहा है।
श्याम विश्वकर्मा का कहना है नया सबेरा संगठन ही दीदी कैफे चलाता है और चार दीदीयां यहॉ काम करती है जिसमें एक मैं भी हूँ और ममता लोधी सी.एल.एस. की कोषाध्यक्ष हैं। दीदी कैफ़े दीदीयों के लिए बहुत अच्छी कमाई का जरिया है और अभी तो कैफे की शुरुआत है, लेकिन हम लोगों को उम्मीद है कि आगे चलके दीदी कैफे बहुत अच्छा बिज़नेस करेगा और हमारी दीदी अच्छा पैसा कमाएंगी और जीवन में आगे बढ़ेगी।
दीदी कैफे की दीदी ने बताया हमारे कैफे में किटी पार्टी की व्यवस्था है, जिनको किटी पार्टी करनी है, वह हमसे हमारे दीदी कैफे में सम्पर्क कर सकते है। वाहन चालक विजय शर्मा ने कहा कलेक्ट्रेट परिसर में दीदी कैफे स्वसहायता समूह के द्वारा चलाया जा रहा है, यहाँ पर सस्ता सामान भी दिया जा रहा है जैसे चाय, नाश्ता, पुड़ी-सब्जी और कर्मचारियो के लिये दीदी कैफे वरदान है, यहाँ पर ठंडा पानी और बैठने की उचित व्यवस्था है, मैं कलेक्टर सर को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उन्होंने दीदी कैफे खुलवाकर स्वसहायता समूह के माध्यम से जो कर्मचारियों के लिए सुविधा दी है उसके लिए मैं हृदय से आभारी हूँ
*अब ड्रोन चला कर अपना रोजगार कर रही हूँ -ड्रोन दीदी बबीता लोधी*
दमोह सरकार किसानों के हित के लिए विभिन्न योजनाए संचालित कर रही हैं। इनमें एक योजना ड्रोन दीदी हैं जिसमें सरकार प्रशिक्षण देकर स्थानीय दीदियों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ उन्हें रोजगार भी दे रही हैं। दमोह जिले के ग्राम क्रिन्दहो की बबीता लोधी बताती हैं वे शंकर स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष हैं, एस.जी के माध्यम से फॉर्म भरा, फॉर्म भरने के बाद भोपाल भेजा गया। भोपाल भेजने के बाद प्रकरण स्वीकृत हुआ, फिर वहाँ से मेरा नाम आया। वे कहती हैं इंदौर 08 दिन के लिए गई थी, वहाँ ट्रेनिंग भी ली और मैं पास हो गई। बबीता लोधी कहती हैं उन्हें भोपाल से ड्रोन मिल गया हैं, जिससे अब ड्रोन चला कर अपना रोजगार कर रही हैं। वे ड्रोन मिलने से बेहत खुश हैं, सरकार को धन्यवाद दे रही हैं।