विश्व हिन्दू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने दमोह में ईसाई मिशनरी अजय लाल का पुतला दहन किया।
दमोह जिले में विरोध प्रदर्शन कीर्ति स्तम्भ पर किया गया और इस दौरान मुख्यमंत्री को पुलिस अधीक्षक के माध्यम से एक ज्ञापन भी सौंपा गया।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि अजय लाल एक ईसाई मिशनरी संस्था का संचालन करते हैं और वे धर्मांतरण, मानव तस्करी, और फर्जी डॉक्टर प्रकरण सहित अनेक मामलों में आरोपी हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें अजय लाल मंच से लोगों को संबोधित करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो में एक व्यक्ति भारत को ईसाई धर्म मानने वाले सबसे खतरनाक देशों में से एक बता रहा है और देश के हालातों की तुलना नॉर्थ कोरिया, ईरान और चीन से कर रहा है।
वीएचपी और बजरंग दल का आरोप है कि अजय लाल ने भारत में अपने धर्मांतरण संबंधी कार्यों को भी उजागर किया और भारतीयों की समय पालन जैसी आदतों का मजाक उड़ाया। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि पुलिस अधिकारियों से उनकी गहरी मित्रता थी जो उन्हें शिकायतों और कार्रवाई की पूर्व सूचना देकर मदद करते थे। इसे भारतीय पुलिस प्रशासन की छवि को बदनाम करने का प्रयास बताया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि अजय लाल ने एक फर्जी वीडियो चलाकर अपनी फरारी के दौरान पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई और प्रदर्शन को गलत तरीके से दिखाया। इसके अतिरिक्त, सनातन धर्म को बदनाम करने के उद्देश्य से अमेरिका में एक आयोजन में अजय लाल ने बजरंग दल को आतंकवादी बताया और देश के प्रति नकारात्मक प्रचार किया।
पुतला दहन और ज्ञापन के माध्यम से वीएचपी और बजरंग दल ने मांग की है कि भारत देश की छवि और सामने आए तत्वों को देखते हुए उचित कार्रवाई की जाए, फरार आरोपी अजय लाल को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर देश में लाया जाए, और भारतीय कानून के अनुसार कार्रवाई प्रस्तावित कर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए। इस पुतला दहन और ज्ञापन में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।