लाखों रुपये का मुआवजा लेने के बाद भी टाइगर रिजर्व में जमाए हुए थे डेरा
कार्रवाई: वन विभाग की टीम ने समझाइश देकर हटाया और मकान किए नष्ट
दमोह तेदुखेड़ा: बीरंगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व का विस्तार करने और बाघों को बसाने के लिए गांव के विस्थापन की प्रक्रिया चल रही है।
इसके तहत गुरुवार को सर्रा रेंज अंतर्गत आने वाले दुर्दिवा गांव में वन अमले ने विस्थापित मकानों को नष्ट करने की हिदायत दी थी,
लेकिन मुआवजा मिल चुका है, लेकिन वह अभी तक गांव छोड़कर गए नहीं हैं। कार्रवाई के
दौरान नायब तहसीलदार चरछेरसिंह शिल्पी, सर्रा रेंज बलविंदर सिंह, जादवगढ़ी थाना प्रभारी राजीव पुरोहित मौजूद रहे।
दुर्दिवा गांव के विस्थापन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है, आधे से अधिक परिवार गांव छोड़कर दूसरी जगह चले गए हैं।
मकानों को उनकी जरूरी सामग्री भी उसके साथ ले गए। बाकी दो दिआर और झोपड़ियां बची थीं उनको गुरुवार को वन अमले ने नष्ट कर दिया है।
इसी दौरान कुछ ऐसे परिवार मिले जिन्होंने काफी समय पूर्व गांव छोड़ने की सहमति वन विभाग को देकर अपने मुआवजे की पूरी
राशि निकाल ली, लेकिन वह अभी तक गांव में ही जमे थे, उनको गांव छोड़कर जाने के लिए निर्देश
काफी समय पूर्व मिल गई थी। उन्होंने भूमि विस्थापन के बाद बाघ छोड़ने की सहमति भी लिखित रूप में दी थी,
लेकिन उसके बाद भी वह गांव में ही जमे थे जो गलत है। वन विभाग की टीम ने उनको गांव छोड़ने का निर्देश दिया।
इसके अलावा जो शुष्क परिवार के घरों को नष्ट करने का कार्रवाई तेदुखेड़ा एसडीएम के निर्देश पर की गई।
कुछ परिवार दुर्दिवा में रुके हैं उनके प्रकरण कोर्ट में चल रहे हैं फैसला होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रेंजर बलविंदर सिंह ने बताया कि बुधवार को बीरंगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व की सर्रा रेंज के अधीन आने वाले दुर्दिवा गांव में वन विभाग
राजस्व विभाग और पुलिस विभाग की टीम सामूहिक रूप से पहुंची थी। वन विभाग की टीम ने उन घरों को नष्ट किया जिसमें रहने
वाले सदस्य अपना मुआवजा लेकर गांव छोड़कर जा चुके हैं, साथ ही पांच परिवार के सदस्य ऐसे हैं जिनको पूरा मुआवजा मिलने के बाद भी गांव नहीं छोड़ा।
उनको निर्देश दिए हैं कि पांच परिवार के सभी सदस्य जल्द ही दुर्दिवा गांव से अपनी सामग्री लेकर विस्थापित हो जाएं।
मुआवजा लेने वाले का हमें छोड़ने की हिदायत देते नायब तहसीलदार।
अधिकारियों द्वारा दिए गए हैं नायब तहसीलदार चरछेरसिंह शिल्पी ने बताया विस्थापित गांव दुर्दिवा में पांच परिवार के 16 सदस्यों को विस्थापन