दमोह में गर्भवती गाय के क्रूरतापूर्वक वध और सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीर वायरल कर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के गंभीर मामले में अपर सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार गुप्ता ने आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
मामला क्या है?
यह घटना 7 मार्च, 2025 की है। कोतवाली थाना प्रभारी को सूचना मिली थी कि कल्लू कुरैशी के घर पर एक गाय काटी जा रही है। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर देखा तो एक गर्भवती गाय कटी हुई मिली, साथ ही कटे हुए पैर और खून से सने कुल्हाड़ी, चाकू और आरी भी बरामद हुए।
मौके से कल्लू कुरैशी, रेखा कुरैशी, समीर उर्फ मिट्ठू, शादाब, नवाजिश और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया गया था। इन सभी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।
जमानत याचिका क्यों खारिज हुई?
गिरफ्तारी के लगभग साढ़े तीन महीने बाद, पुलिस ने मामले की विवेचना पूरी कर चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत कर दी। इसके बाद रेखा कुरैशी, समीर उर्फ मिट्ठू कुरैशी और नाबालिग आरोपी की ओर से जमानत याचिका दायर की गई, जिसका आधार चार्जशीट पेश होना और साढ़े तीन महीने से अधिक समय से जेल में होना था।
हालांकि, शासकीय अभिभाषक राजीव बद्री सिंह ठाकुर ने जमानत याचिका का कड़ा विरोध करते हुए तर्क दिया कि आरोपियों की इस घटना में संलिप्तता, अपराध की प्रकृति और इससे समाज में उत्पन्न वैमनस्यता अत्यंत गंभीर है।
न्यायालय ने इन तर्कों से सहमति जताई और कहा कि यह अपराध न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि सामाजिक सौहार्द्र को भी ठेस पहुँचाता है। इसलिए, इस स्थिति में आरोपियों को जमानत का लाभ देना उचित नहीं होगा।