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दमोह की बेटी चाहत पांडे ने दुबई में जीता “दादा साहब फाल्के आइकन अवार्ड फिल्म्स इंटरनेशनल 2025”

दमोह की बेटी चाहत पांडे ने दुबई में जीता “दादा साहब फाल्के आइकन अवार्ड फिल्म्स इंटरनेशनल 2025”

दमोह जिले और विशेष रूप से बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए यह अत्यंत खुशी और गर्व का विषय है!

दुबई में 29 जुलाई 2025 को रात्रि में संपन्न हुए “दादा साहब फाल्के आइकन अवार्ड फिल्म्स इंटरनेशनल 2025” समारोह में, दमोह की बेटी चाहत पांडे को अभिनय के क्षेत्र में “यंगेस्ट

सक्सेसफुल एक्टर इन टेलीविजन लीड एक्टर” के प्रतिष्ठित अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें श्री शेख मालिद जी द्वारा प्रदान किया गया।

चाहत पांडे, जो दमोह की माटी से जुड़ी हैं, ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया है।
इस अवार्ड के साथ, उन्होंने न केवल अपने परिवार का नाम रोशन किया है, बल्कि पूरे दमोह जिले और बुंदेलखंड को अंतरराष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाई है।
उनका यह सफर उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो कला और अभिनय के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं।

यह दर्शाता है कि छोटे शहरों की प्रतिभाएं भी बड़े मंचों पर अपनी चमक बिखेर सकती हैं, बशर्ते उन्हें सही दिशा और अवसर मिलें।
अवार्ड मिलने पर, चाहत पांडे ने मंच पर अवार्ड शो की टीम का धन्यवाद किया
और अपनी सफलता का श्रेय अपनी माँ को दिया। यह उनकी विनम्रता और पारिवारिक मूल्यों के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है। एक कलाकार के जीवन में उसके परिवार का समर्थन कितना महत्वपूर्ण होता है,
यह चाहत के इस बयान से साफ झलकता है। माँ का प्रोत्साहन और विश्वास ही अक्सर बच्चों को बड़ी ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद करता है।
उन्होंने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए “जय हिंद जय बुंदेलखंड” के नारों के साथ अपनी बात समाप्त की।

यह नारा केवल उनकी खुशी का प्रतीक नहीं, बल्कि उनके क्षेत्र के प्रति उनके गहरे लगाव और गर्व को भी दर्शाता है।
यह बुंदेलखंड की उस मिट्टी का सम्मान है, जिसने चाहत जैसी प्रतिभा को जन्म दिया और पाला-पोसा। यह क्षण दमोह और पूरे बुंदेलखंड के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो भविष्य में और भी कई प्रतिभाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करेगा। यह अवार्ड न केवल चाहत की व्यक्तिगत सफलता है,
बल्कि यह बुंदेलखंड की कला और संस्कृति की समृद्धि का भी एक प्रमाण है।

चाहत की इस उपलब्धि पर आपकी क्या राय है, और आप इसे बुंदेलखंड के लिए कितना महत्वपूर्ण मानते हैं?

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