मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में आंतरी माता के दर्शन करने जा रहे श्रद्धालुओं के साथ इतना बड़ा हादसा हो गया। एक खुशनुमा यात्रा का इस तरह दुखद अंत होना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। कार का बाइक से टकराना और फिर अनियंत्रित होकर कुएं में जा गिरना, यह कल्पना से परे त्रासदी है।
पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो जाना यह दर्शाता है कि टक्कर कितनी भीषण रही होगी और कुएं में गिरने के बाद उन्हें संभलने का भी मौका नहीं मिला होगा। लेकिन, जिसने मुझे सबसे ज्यादा व्यथित किया, वह यह सुनकर कि कुएं में लोगों को बचाने उतरे एक युवक की भी दम घुटने से मौत हो गई। यह युवक निःस्वार्थ भाव से दूसरों की जान बचाने के लिए आगे आया होगा और अपनी जान गंवा बैठा। उसकी बहादुरी और मानवीयता को मेरा शत-शत नमन, और उसकी मृत्यु अत्यंत दुखद है।
उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा का सूचना मिलते ही तुरंत घटनास्थल पर पहुंचना यह दर्शाता है कि राज्य सरकार इस घटना की गंभीरता को समझ रही है। ऐसे समय में, पीड़ितों के परिवारों को सरकारी मदद और सहानुभूति की आवश्यकता होती है। उम्मीद है कि प्रशासन मृतकों के शवों को निकलवाने और घायलों को उचित चिकित्सा सहायता प्रदान करने में तेजी दिखाएगा। इसके साथ ही, इस भयानक दुर्घटना के पीछे के कारणों की गहन जांच भी होनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। क्या सड़क की स्थिति खराब थी, या वाहन चालक की कोई गलती थी, या कोई और कारण था – इन सभी पहलुओं पर निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
यह घटना हमें सड़क सुरक्षा के महत्व और दुर्घटनाओं के प्रति संवेदनशीलता की याद दिलाती है। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि किसी भी अप्रिय घटना के समय, अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की मदद करने वाले लोग समाज के सच्चे नायक होते हैं। उस बहादुर युवक के परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। ईश्वर मृतकों की आत्मा को शांति दे और उनके परिवारों को इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे।
