*प्रीपेड स्मार्ट मीटर बढ़े हुए बिजली बिलों के विरोध में जनता ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन*
दमोह – विद्युत विभाग द्वारा जबरन लगाए गए प्रीपेड स्मार्ट मीटरो में अत्यधिक बिजली बिल आने से विद्युत उपभोक्ता मंच दमोह वासियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन तहसीलदार रघुनंदन चतुर्वेदी को सौंपा
दमोह- इन दिनों विद्युत विभाग के अधिकारियों द्वारा प्राइवेट ठेकेदारों के माध्यम से व्यापक स्तर दमोह के शहरी एवं विकासखंड क्षेत्र में बड़ी संख्या में प्रीपेड़ स्मार्ट मीटर बदले गए लोगों का कहना है कि यह मीटर बिना उनकी सहमति के बदले गए हैं जबकि दूसरी ओर मीटरो के बदले जाने के लिए किसी भी तरह की प्रशासनिक स्वीकृति नहीं ली गई ना ही किसी न्यायपालिका से इन्हें बदलने के लिए मंजूरी दी है फिर भी 35 हजार उपभोक्ताओं में से 29 हजार उपभोक्ताओं के मीटर जबरन बदले गए संपूर्ण जनता में बढ़े हुए बिजली के बिलों को लेकर रोश है मध्यम वर्गीय एवं निम्न वर्गीय परिवारों में विद्युत विभाग से आने वाले बिलों के चलते परिवार की खर्चों पर काफी प्रभाव पड़ा है देखा जा रहा है कि जिन परिवारों की आय 5 हजार महीना है उन के बिल 2 हजार से अधिक आए हैं ऐसे में जनता को गुजर वसर करने में काफी परेशानियों का सामना हो रहा है बांदकपुर निवासी एक महिला ने बताया कि वह 50 रूपये दिन की बीड़ी बनती है और उसका बिल 24 हजार आया है वहीं दूसरी ओर एक महिला ने बिल भरने के लिए अपने मंगलसूत्र को गिरवी रख.. सोशल मीडिया के माध्यम से एक मोहिम चलाई गई जिसने अब एक बृहद रूप ले लिया है। कृष्णा सोनी ने कहा कि विगत दिनों विद्युत विभाग द्वारा संपूर्ण जिले में 35 हजार स्मार्ट मीटर के लक्ष्य के साथ प्राइवेट ठेकेदारों के माध्यम से लगभग 29 हजार मीटर बदले, लगभग 1 माह इन मीटरों का बिल उपभोक्ताओं को सही आया परंतु दूसरे माह से इन मीटरो का बिल 5 गुणा से ज्यादा आने लगा जिसपर विभाग द्वारा कोई सुनवाई नहीं हो रही है, कई ऐसे गरीब परिवार है जिनका बिल उनकी मासिक आय के बराबर है ऐसे में जनता को अच्छे दिनों के बादे के नाम पर ठगा हुआ महसूस हो रहा है, कई उपभोक्ता बिल भर रहे है पर हर माह बिल में बृद्धि हो
जाती है जो हम सभी दमोहवासी भरने में सक्षम नहीं है, इसी बोझ के चलते हमारे दमोह के एक 80 वर्षीय वृद्ध ने फांसी लगा कर जान दे दी।
लालचंद राय ने कहा कि युवाओं के माध्यम से दमोह की महत्वपूर्ण मांग कि जो प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाये गये हैं उसके मांग बिजली बिल की राशि अत्याधिक आ रही है जिससे गरीब मध्यम वर्ग से लेकर शासकीय एवं अशासकीय सभी लोग परेशान है। हमारी मांग है कि प्रीपेड मीटर को हटा कर पुराने मीटर लगाये जाये।
समाज सेवी मनोज देवरिया ने कहा कि मानवीय आधार पर भी सोचना चाहिए कि पूर्व में जिस तरह बिजली की खपत होती कि उसकी अपेक्षा वर्तमान में कम मात्रा में बिजली की खपत होती है क्योंकि पहले 100 वाट का बल्ब जलाया जाता था जो अब केवल 12 वाट की सीएफएल लगती है और पहले पंख 120 वाट का लगाया जाता था वह भी 60 वाट का लगाया जा रहा है इस तरह बहुत सी चीजों में बिजली की खपत कम हो गई है परंतु पहले की अपेक्षा बिजली बिल बहुत अधिक आ रहे है यदि हमारी मांगे नहीं मानी जाती तो बहुत बड़ा आंदोलन दमोह में होगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन कलेक्टर एवं मुख्यमंत्री की रहेगी वर्तमान में आपातकाल के 50 वर्ष मनाया जा रहा है तो आज भी तानाशाही चल रही है मुफ्त राशन एवं लाडली बहन में कुछ राशि देकर हजारों रूपये के बिजली बिलों के माध्यम से जनता को परेशान किया जा रहा है।
आलोक मुखरैया ने कहा कि ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से यह मांग की गई है कि प्रीपेड बिलों में जो बढ़े हुए बिजली बिल आए हैं उनकी जांच की जाए जिस तरह पहले हजार रुपए लगभग बिल आता था आज वह करीब ₹10000 बिल आने लगा है इसका मतलब यह है कि लगभग 5 से 7 गुना बिल अधिक आ रहा है तो हमारी मांग यही है कि प्रीपेड मीटर को बदल जाए।
ज्ञापन सौंपते समय बड़ी संख्या में दमोह वासियों की उपस्थिति रही।