*फर्जी डॉक्टर और उसकी जेल में फरमाइश गज़ब*
*फर्जी डॉक्टर की अजीब फरमाइश जेल में चाहिए दूध और अंडे*
दमोह मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक ऐसे फर्जी डॉक्टर का अजीब रवैया सामने आया है, जिसने कथित तौर पर आठ सर्जरी के दौरान सात मरीजों की जान ले ली थी और अब जेल में बंद रहते हुए दूध और अंडे की मांग कर रहा है। जिला जेल में आए हुए निरीक्षण के लिए यह डॉक्टर जिला जज के सामने गुहार लगा रहा है कि उसका वजन कम हो गया है, इसलिए उसे रोजाना दूध और अंडा खाने को दिया जाए।
*मिशन अस्पताल में 7 मौतों का आरोपी*
यह मामला दमोह जिले के मिशन अस्पताल से जुड़ा है, जहां फर्जी डॉक्टर डॉ. एम कैन जॉन (जिसे ‘डॉक्टर ए.एम. जान’ या ‘विक्रमादित्य यादव’ के नाम से भी जाना जाता है) ने कथित तौर पर ब्रिटिश डॉक्टर बनकर मरीजों की हार्ट सर्जरी की थी। इन आठ सर्जरी में से सात मरीजों की जान चली गई थी। इस मामले ने तब काफी सुर्खियां बटोरी थीं जब शहर के चर्च मिशन अस्पताल में डॉ. जॉन ने कई नामी-गिरामी हस्तियों का भी इलाज किया था, जिनमें से कई की जान चली गई थी।
*जेल में नखरे और अजीबोगरीब मांगें*
डॉ. जॉन को इन मौतों के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और वह इस समय दमोह जिले की जेल में बंद है। उसके खिलाफ छत्तीसगढ़ में भी फर्जी ऑपरेशन का मामला दर्ज हैं, और उसने छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष तक का इलाज किया था। जिसमें उनकी जान चली गई थी
दमोह जिला जेल के अधीक्षक सी. एल. प्रजापति ने बताया कि हाल ही में जिला न्यायालय के जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेल के दौरे पर आए थे। जब उन्होंने कैदियों से उनकी परेशानियां पूछीं, तो डॉ. जॉन ने हाथ खड़ा करके दूध और अंडे की मांग की। उसने न्यायालय में जज के सामने ऐसी फरमाइश की कि वहां मौजूद सभी अधिकारी हैरान रह गए और यह एक मज़ाक का विषय बन गया। डॉ. जॉन का कहना था कि जेल में रहने के कारण उसका वजन बहुत कम हो गया है, जिससे उसे अपने स्वास्थ्य की चिंता रहती है, इसलिए उसे दूध और अंडा दिया जाना चाहिए।
*जेल अधीक्षक ने मांग ठुकराई*
हालांकि, जिला जेल अधीक्षक सी. एल. प्रजापति ने न्यायाधीश के सामने ही डॉ. जॉन केम को अंडा देने से मना कर दिया। उन्होंने बताया कि यह एक छोटा जेल है और यहां अंडे की व्यवस्था नहीं की जा सकती। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि एक बंदी के लिए अंडा मंगवाया जाएगा, तो बाकी सभी कैदी भी यही मांग करेंगे, और उनके मुताबिक यह जेल में नहीं चलेगा।
*बड़े जेल में शिफ्ट करने पर विचार*
जेल अधीक्षक प्रजापति ने यह भी बताया कि जब से डॉ. जॉन जेल में बंद है, तब से उसके नखरों और अजीबोगरीब मांगों से पूरा जेल स्टाफ परेशान है। इसी कारण अब डॉ. जॉन को दमोह जिला जेल से किसी बड़े जेल में भेजने पर विचार किया जा रहा है।
यह घटना एक बार फिर फर्जी डॉक्टरों के खतरों और उनके द्वारा किए जाने वाले अपराधों को उजागर करती है, साथ ही यह भी दिखाती है कि कैसे ऐसे अपराधी अपनी गिरफ्तारी के बाद भी अजीबोगरीब व्यवहार करता हैं।