दमोह जिले के तेंदूखेड़ा में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ धान लगाते समय एक महिला पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया. हालांकि, उनके बेटे की बहादुरी ने उनकी जान बचा ली.
मगरमच्छ ने किया हमला
मलावर दोहार के जलहीन गाँव की 55 वर्षीय कमलाबाई अहिरवाल धान का रोपण कर रही थीं, तभी एक मगरमच्छ ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें नाले में खींचने लगा.
बेटे ने बचाई जान
जैसे ही मगरमच्छ ने कमलाबाई को पकड़ा, उनके बेटे संतोष अहिरवाल ने चीख सुनी और तुरंत पानी में कूद गए. उन्होंने अपनी माँ को मगरमच्छ के मुँह से छुड़ाया, जिससे उनकी जान बच गई.
घायल महिला अस्पताल में भर्ती
मगरमच्छ के हमले में कमलाबाई के हाथ में गहरे घाव हो गए हैं और उन पर मगरमच्छ के दाँतों के निशान साफ दिख रहे हैं. उन्हें गंभीर हालत में इलाज के लिए तेंदूखेड़ा के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. उनके पति कौशल अहिरवाल ने बताया कि नदी में पानी कम होने के बावजूद मगरमच्छ ने हमला किया और उनकी पत्नी को नाले में खींचने की कोशिश की.
क्षेत्र में मगरमच्छों का बढ़ता खतरा
ग्रामीणों का कहना है कि तेंदूखेड़ा ब्लॉक में नदी-नालों में मगरमच्छों की संख्या बढ़ रही है, जिससे इस तरह के हमले आम हो गए हैं. यह क्षेत्र नदियों और तालाबों से घिरा हुआ है,
जिससे मगरमच्छ अक्सर रिहायशी इलाकों के करीब आ जाते हैं. वन विभाग को इस घटना की सूचना दे दी गई है और आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है.