एक नन्ही जान का अलविदा: टी.आई. सुधीर कुमार बेगी का मार्मिक अनुभव
दमोह जिले की पथरिया तहसील के पथरिया थाना में टी.आई. (थाना प्रभारी) रहे सुधीर कुमार बेगी ने हाल ही में एक हृदय विदारक घटना साझा की है,
जिसने सभी को भावुक कर दिया है। यह घटना एक मासूम बच्चे, अनिकेत, के निधन से जुड़ी है, जिसकी मुस्कान सभी के दिलों को छू जाती थी।
टी.आई. बेगी ने बताया कि कुछ समय पहले उन्होंने अनिकेत के घर जाकर उसे ज़रूरी सामान भेंट किया था और उसे अपना छोटा भाई मान लिया था।
अनिकेत भी टी.आई. बेगी को दिल से अपना मानने लगा था। हाल ही में टी.आई. बेगी का बटियागढ़ तबादला हो गया, और इस तबादले के बाद अनिकेत लगातार उनसे मिलने की रट लगाए हुए था।
टी.आई. बेगी ने बताया कि जब उन्हें अनिकेत के निधन की खबर मिली, तो उनका दिल भर आया। जब वह अनिकेत के घर पहुँचे, तो बच्चे की माँ उन्हें देखकर बिलख पड़ीं।
माँ ने रोते-रोते कहा, “सर, वह मुझसे ज़्यादा आपसे प्यार करता था। जब से आप पथरिया से गए हैं, तब से उसने खाना तक नहीं खाया। हर दिन बस यही कहता रहा—’मुझे सर के पास ले चलो…'”
*माँ की आँखों से बहते आँसू और उनके शब्दों में छिपा दर्द*
टी.आई. बेगी को भीतर तक तोड़ गया। उन्होंने बताया कि अनिकेत ने अपनी अंतिम साँसें लेते हुए भी उन्हें याद किया। घर का माहौल मातम से भरा था। टी.आई. बेगी ने माँ को गले लगाया, उन्हें सांत्वना दी और कुछ ज़रूरी खाद्य सामग्री सौंपी। फिर उन्होंने अनिकेत के छोटे भाई को अपनी गोद में लिया और माँ से यह वचन दिया:
“जब तक मेरी साँसें चलेंगी, तब तक मैं आपके परिवार के साथ खड़ा रहूँगा। ये मेरा नहीं, एक भाई का वादा है।”
इस दुखद घड़ी में, टी.आई. सुधीर कुमार बेगी ने एक पुलिस अधिकारी से बढ़कर एक गहरी मानवीय संवेदना का परिचय दिया है। यह घटना दर्शाती है कि कैसे पुलिसकर्मी न केवल कानून व्यवस्था बनाए रखते हैं, बल्कि समाज के प्रति अपनी मानवीय भूमिका भी निभाते हैं। यह एक मार्मिक उदाहरण है जो पुलिस और जनता के बीच के भावनात्मक जुड़ाव को उजागर करता है।
*भगवान अनिकेत की आत्मा को शांति प्रदान करें। अपने श्री चरणों में स्थान दें और परिवार को इस गहन दुख सहने की क्षमता दे*
*पुलिस के ऐसे जांबाज अफसर को एमपी अपडेट न्यूज़ टीम प्रणाम करता है आप सदा ऐसे ही नेक कार्य करते रहें आपको दिल से सेल्यूट*