दमोह के तेंदूखेड़ा में खाद की किल्लत से किसानों का विरोध प्रदर्शन
दमोह ज़िले के तेंदूखेड़ा नगर में खाद न मिलने से परेशान किसानों ने दमोह-जबलपुर मुख्य मार्ग को जाम कर दिया,
जिससे सैकड़ों वाहन फँस गए। किसानों का आरोप है कि उन्हें कई दिनों से खाद नहीं मिल रही है, और अगर यह समस्या जल्द हल नहीं हुई तो वे कल फिर से हाइवे जाम करेंगे।
किसानों के मुख्य आरोप और माँगें
* हुकुमचंद विश्वकर्मा पर आरोप: किसानों ने लगभग 25 साल से पदस्थ अधिकारी हुकुमचंद विश्वकर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है
कि विश्वकर्मा अपने सरकारी ट्रैक्टर का इस्तेमाल खाद की कालाबाज़ारी के लिए करते हैं।
किसानों के मुताबिक, उन्होंने ₹10 करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति बना ली है और रात्रि में अवैध रूप से खाद बेचते हैं।
कुछ किसानों ने यह भी बताया कि विश्वकर्मा गाली-गलौज और पुलिस की धमकी भी देते हैं।
किसानों ने विश्वकर्मा के तत्काल तबादले की माँग की है।
* नकली खाद की बिक्री: किसानों का आरोप है कि उन्हें नकली खाद दी जा रही है जो न तो पानी में घुलती है और न ही फसलों के लिए काम आती है।
यह नकली खाद ₹1400 प्रति बोरी में बेची जा रही है।
* खाद की कमी: किसानों का कहना है कि एक हफ़्ते से खाद उपलब्ध नहीं है।
प्रशासन का पक्ष
* कलेक्टर श्री सुधीर कुमार कोचर ने बताया कि दमोह में हाइब्रिड फसलों की बुवाई बढ़ने से यूरिया की माँग में वृद्धि हुई है।
फिलहाल आपूर्ति सीमित है, लेकिन जल्द ही यूरिया की रैक पहुँचने पर सभी किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध कराया जाएगा।
* राज्यमंत्री ने भी कृषि मंत्री से इस संबंध में चर्चा करने का आश्वासन दिया है ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो।
प्रदर्शन का अंत
तेंदूखेड़ा जनपद अध्यक्ष तुलाराम यादव के आश्वासन के बाद किसानों ने अपना धरना समाप्त कर दिया। यह जाम लगभग छह घंटे तक लगा रहा।
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