भगवान बुद्ध को किया गया नमन
भगवान गौतम बुद्ध के संदेश हर धर्म के बीच पहुंच रहे हैं। आज की स्थिति बदल चुकी है। हर धर्म को हर धर्म के लोग मना रहे हैं। बुद्ध पूर्णिमा के दिन लोगों ने भगवान गौतम बुद्ध को नमन किया। इस त्योहार का महत्व हिंदू और बौद्ध धर्म दोनों में ही है। वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु के नौवे अवतार गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। गौतम बुद्ध ने दुनिया को सत्य, अहिंसा, प्रेम, दयालुता, करुणा और परोपकार का पाठ पढ़ाया था। विदित हो कि गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में कपिलवस्तु के पास लुम्बिनी में हुआ था। उनका असली नाम सिद्धार्थ था। गौतम बुद्ध ने 29 वर्ष की उम्र में वैराग्य धारण किया था। गौतम बुद्ध की मृत्यु जहरीला खाना खाने से हुई थी। गौतम बुद्ध के शव को जलाया गया। फिर गौतम बुद्ध के अवशेष को आठ स्तूप और आठ राज्यों में बांट कर रख दिया गया। बताया जाता है कि बाद में अशोक ने उन अवशेषों को निकलवाकर 84000 स्तूपों में बांट दिया था।