*जल योगी भगवान दास दहिया ने पानी में तिरंगा झंडा लहराया*
बांदकपुर जैसे छोटे से स्थान पर, जहाँ अक्सर राष्ट्रीय स्तर की बड़ी खबरें उतनी प्रमुखता से नहीं पहुँच पातीं, प्रधान आरक्षक दाहिया का यह अनूठा तरीका लोगों के बीच देशभक्ति की भावना को जगाने का एक शक्तिशाली माध्यम बन सकता है। जागेश्वरनाथ मंदिर परिसर की प्राचीन बावड़ी, जो संभवतः स्थानीय लोगों के लिए एक ऐतिहासिक और पवित्र स्थान है, को इस प्रदर्शन के लिए चुनना इस घटना को एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयाम भी देता है। जल में तिरंगा लहराना एक असामान्य और साहसिक कार्य है, जो न केवल शारीरिक क्षमता बल्कि देश के प्रति अटूट निष्ठा को भी दर्शाता है।
इस घटना की तुलना हम उन अनेक मौकों से कर सकते हैं जब आम नागरिकों ने अपने-अपने तरीके से राष्ट्रीय महत्व के अवसरों पर अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं। चाहे वह युद्ध में विजय के बाद मिठाइयाँ बाँटना हो, राष्ट्रीय पर्वों पर प्रभात फेरी निकालना हो, या शहीदों की याद में रक्तदान शिविर आयोजित करना हो – ये सभी कार्य सामूहिक रूप से एक मजबूत राष्ट्रीय पहचान और एकता की भावना को पोषित करते हैं। प्रधान आरक्षक दाहिया का जलयोग इसी कड़ी में एक अनूठा और यादगार योगदान है। यह न केवल भारतीय सेना के पराक्रम का सम्मान है, बल्कि यह नागरिक और सेना के बीच के अटूट बंधन को भी दर्शाता है। उनका यह कार्य अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगा कि वे अपनी रचनात्मकता और क्षमता के अनुसार देश के प्रति अपने प्रेम और सम्मान को व्यक्त करें। ऐसे व्यक्तिगत और सामुदायिक प्रयास ही मिलकर एक मजबूत और देशभक्त राष्ट्र का निर्माण करते हैं।