दमोह जिले की बांदकपुर चौकी में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहाँ गुम इंसान क्रमांक 14/17 में दर्ज गुमशुदा कु. सरोज यादव (27) को लगभग आठ साल बाद सकुशल दस्तयाब कर लिया गया है. सरोज, जो कि आनू बांदकपुर की निवासी हैं, को प्रधान आरक्षक 101 मयूर बड़गैयां की टीम ने अथक प्रयासों के बाद खोज निकाला. यह घटना इस बात का उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे पुलिस विभाग, अपने सीमित संसाधनों के बावजूद, लंबे समय से लंबित मामलों को भी नहीं छोड़ता और लोगों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए प्रतिबद्ध रहता है.
दस्तयाबी का विवरण
प्रधान आरक्षक मयूर बड़गैयां ने इस गुमशुदगी के मामले को व्यक्तिगत रूप से लिया. 2017 से लापता सरोज यादव की तलाश एक चुनौती थी, क्योंकि इतने लंबे समय में लोग अक्सर अपना ठिकाना बदल लेते हैं और संपर्क टूट जाता है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, सरोज की तलाश के लिए विभिन्न जिलों में छानबीन की गई और कई संभावित ठिकानों पर जाकर जानकारी जुटाई गई. आखिरकार, मिली गुप्त सूचनाओं और तकनीकी सहायता के आधार पर सरोज को खोज निकालने में सफलता मिली. दस्तयाब होने के बाद, सरोज को विधिवत उनके पति घनश्याम यादव को सौंप दिया गया.
8 साल बाद मिलन: एक भावनात्मक क्षण
यह मिलन परिवार के लिए एक अत्यंत भावनात्मक क्षण था. आठ साल का लंबा इंतजार, जिसमें परिवार ने कई उतार-चढ़ाव देखे होंगे, आखिरकार खत्म हुआ. ऐसे मामलों में, गुमशुदा व्यक्ति के परिजन अक्सर उम्मीद छोड़ देते हैं, लेकिन इस घटना ने यह साबित कर दिया कि धैर्य और पुलिस पर विश्वास रंग लाता है. यह न केवल सरोज के परिवार के लिए राहत की बात है, बल्कि बांदकपुर चौकी और दमोह पुलिस के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है. यह घटना उन सभी गुमशुदा व्यक्तियों के परिजनों के लिए एक आशा की किरण है, जो अभी भी अपने लापता प्रियजनों की तलाश में हैं.
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