नन्नू अहिरवार की मौत पर दमोह में जनाक्रोश, राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगा लंबा जाम
दमोह जिले के ककरा निवासी नन्नू अहिरवार (35) की एक भीषण सड़क दुर्घटना में दुखद मृत्यु हो गई है। यह घटना तब हुई जब उनकी मोटरसाइकिल को एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी। इस हृदय विदारक घटना के बाद, नन्नू के परिजनों और स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। अपने प्रियजन की असामयिक मृत्यु से मर्माहत होकर, उन्होंने न्याय की मांग करते हुए प्रमुख टीकमगढ़-छतरपुर-दमोह राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम कर दिया है।
यह चक्का जाम दोपहर से ही जारी है, जिससे मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। यात्री, विशेषकर जो टीकमगढ़, छतरपुर, सागर और दमोह जैसे शहरों के बीच यात्रा कर रहे थे, बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कई एम्बुलेंस और आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहन भी जाम में फंसे हुए हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है। यात्रियों को भारी गर्मी और पानी की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, और कई लोग वैकल्पिक रास्तों की तलाश में ग्रामीण इलाकों से गुजरने को मजबूर हैं, जो अक्सर खराब स्थिति में होते हैं।
पुलिस प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने और लोगों को समझाने-बुझाने के लिए तत्काल कार्रवाई की है। नरसिंहगढ़ चौकी प्रभारी प्रशीता कुर्मी और सागर नाका चौकी प्रभारी रमाशंकर मिश्रा सहित पुलिस बल मौके पर मौजूद है। वे लगातार परिजनों और प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रहे हैं, उन्हें उचित कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दे रहे हैं और उनसे सड़क खाली करने का आग्रह कर रहे हैं ताकि जनजीवन सामान्य हो सके। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे मृतक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। हालांकि, प्रदर्शनकारियों की मांग है कि उन्हें तत्काल मुआवजा दिया जाए और सड़क सुरक्षा के कड़े उपाय किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
यह घटना एक बार फिर सड़क सुरक्षा के मुद्दे को सामने लाती है। दमोह जैसे क्षेत्रों में अक्सर भारी वाहनों की तेज रफ्तार और यातायात नियमों की अनदेखी के कारण दुर्घटनाएं होती रहती हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि सड़कों पर पुलिस की निगरानी बढ़ाई जानी चाहिए और ओवरलोडिंग तथा तेज रफ्तार पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने स्थानीय प्रशासन को सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन पर गंभीरता से विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है।