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*बाल,मातृ एवं सकल प्रजनन दर कम करने के लिए अति आवश्यक है कि*

*बाल,मातृ एवं सकल प्रजनन दर कम करने के लिए अति आवश्यक है कि*

*बाल विवाह में रोकथाम हो*

*बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करना एवं संरक्षण करना*

*सर्वोच्च प्राथमिकता हो*

दमोह में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एवं किशोर सशक्तिकरण कार्यक्रम अंतर्गत कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर के निर्देशन में एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग जयवंत सिंह वर्मा व प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रीता चटर्जी के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग दमोह द्वारा ममता संस्था के सहयोग से एक निजी होटल में जिले के समस्त सी.एच.ओ एवं परामर्शदाताओं का बाल अधिकारो, बाल संरक्षण, किशोर सशस्क्तिकरण, जेंडर पोक्सो एक्ट-2012 एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 आदि महत्वपूर्ण विषयों पर एक दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ। प्रशिक्षण की शुरुआत प्रतिभागियों के पंजीयन, परिचय एवं प्री टेस्ट से हुआ।

सहायक संचालक संजीव मिश्रा ने बताया अनेक ऐसे विषय है जिसमे हेल्थ ऑफिसर्स सीधे किशोरों से जुड़े होते हैं, फ्रंट लाइन वर्कर्स के मेंटर भी है, जिनके माध्यम से बाल यौन शोषण, बाल विवाह एवं कम उम्र में शादी के दुष्परिणाम, एवं गर्भधारण को टालने, बच्चों में कुपोषण की पहचान एवं परामर्श,शाला त्यागी को शालाओं में वापिस प्रवेश आदि में इनके एवं इनके माता पिता का परामर्श देकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं । उन्होंने पॉक्सो एक्ट 2012 इससे जुड़ा कानून एवं वर्तमान में स्थिति नाबालिक बच्चे में मामले में गर्भपात पर चर्चा की।

डॉ. चटर्जी ने बताया कि बाल, मातृ एवं सकल प्रजनन दर कम करने के लिए अतिआवश्यक है कि बाल विवाह में रोकथाम हो इसमें सभी को एक साथ आकर कार्य करना होगा । जिला समन्वयक वीरेंद्र जैन ने बाल अधिकार, बाल संरक्षण एवं इसके मुद्दे एवं जेंडर विषय पर सत्र लिया। सत्र में कुछ केस स्टडी एवं जेंडर व बच्चों की वंचित्ता पर पावर वाक के माध्यम से समझाया गया कि कैसे एक समान बच्चे जब अलग अलग भूमिकाओं में होते हैं, तो परिस्तिथियाँ उन्हें आगे ओर पीछे कर देती हैं। इसी बात को रोल कॉल मूवी एवं मेरा भी तो अधिकार है के माध्यम से जानकारी दी गई।

स्वास्थ्य विभाग के जिला रिसोर्स ग्रुप सदस्य बीएम दुबे ने प्रशिक्षण में बच्चों की किशोरावस्था तक की विभिन्न स्टेज एवं इनकी चुनोतियाँ एवं आवश्यकताओं के बारे में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 एवं कम उम्र में गर्भधारण के दुष्परिणामों पर विस्तार से बताया। प्रशिक्षण के अंत में किशोर सशक्तिकरण एवं बाल संरक्षण संरक्षण में हेल्थ फंगसनरी की भूमिका पर डी.सी.एम ऋषि कुमार द्वारा विस्तार से चर्चा कर कुछ एक्सन पॉइंट जो सभी के निर्णय से आये वह आज के बाद फील्ड पर क्रियान्वयन किया जाएगा। कार्यक्रम के अंत में सहायक संचालक संजीव मिश्रा द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एवं किशोर सशक्तिकरण कार्यक्रम में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने वाले बी.एम दुबे, ऋषि कुमार एवं वीरेंद्र जैन को प्रशस्ती पत्र देकर सम्मानित किया गया तथा अंत में समस्त प्रतिभागिओं का आभार व्यक्त किया गया ।

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