दमोह की जबलपुर नाका चौकी प्रभारी आनंद अहिरवार को मिला संविधान गौरव सम्मान,
दमोह जबलपुर नाका चौकी प्रभारी आनंद अहिरवार सम्मान उन्हें उनकी कर्तव्यनिष्ठा और साहस के लिए दिया गया है। यह सम्मान समारोह रायसेन जिले के प्रतापगढ़ में आयोजित किया गया था, जिसमें राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष श्री प्रियंक कानूनगो भी उपस्थित थे।
आनंद अहिरवार को यह सम्मान गौहत्या जैसे जघन्य अपराध को रोकने के उनके प्रयासों के लिए दिया गया है। उन्होंने एक मुठभेड़ में गोली लगने के बावजूद भी अपने कर्तव्य का पालन किया और अपराधियों को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह सम्मान उनके साहस और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है, और यह उन सभी पुलिसकर्मियों के लिए एक प्रेरणा है जो अपनी जान जोखिम में डालकर भी समाज की रक्षा करते हैं।
यहां कुछ अतिरिक्त विवरण दिए गए हैं:
* आनंद अहिरवार दमोह के जबलपुर नाका चौकी प्रभारी हैं।
* उन्हें यह सम्मान रायसेन जिले के प्रतापगढ़ में आयोजित एक समारोह में दिया गया।
* यह सम्मान उन्हें गौहत्या जैसे जघन्य अपराध को रोकने के उनके प्रयासों के लिए दिया गया है।
* उन्होंने एक मुठभेड़ में गोली लगने के बावजूद भी अपने कर्तव्य का पालन किया।
* यह सम्मान उनके साहस और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है।
* यह सम्मान उन सभी पुलिसकर्मियों के लिए एक प्रेरणा है जो अपनी जान जोखिम में डालकर भी समाज की रक्षा करते हैं।
यह सम्मान समारोह रायसेन जिले के प्रतापगढ़ में आयोजित किया गया था, जिसमें राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष श्री प्रियंक कानूनगो भी उपस्थित थे।
आनंद अहिरवार को यह सम्मान गौहत्या जैसे जघन्य अपराध को रोकने के उनके प्रयासों के लिए दिया गया है। उन्होंने एक मुठभेड़ में गोली लगने के बावजूद भी अपने कर्तव्य का पालन किया और अपराधियों को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह सम्मान उनके साहस और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है, और यह उन सभी पुलिसकर्मियों के लिए एक प्रेरणा है जो अपनी जान जोखिम में डालकर भी समाज की रक्षा करते हैं।
यहां कुछ अतिरिक्त विवरण दिए गए हैं:
* आनंद अहिरवार जबलपुर के नाका चौकी के प्रभारी हैं।
* उन्हें यह सम्मान रायसेन जिले के प्रतापगढ़ में आयोजित एक समारोह में दिया गया।
* यह सम्मान उन्हें गौहत्या जैसे जघन्य अपराध को रोकने के उनके प्रयासों के लिए दिया गया है।
* उन्होंने एक मुठभेड़ में गोली लगने के बावजूद भी अपने कर्तव्य का पालन किया।
* यह सम्मान उनके साहस और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है।
* यह सम्मान उन सभी पुलिसकर्मियों के लिए एक प्रेरणा है जो अपनी जान जोखिम में डालकर भी समाज की रक्षा करते हैं।
