दमोह जिले के नोहटा थाना क्षेत्र के महादेव घाट पुल के पास हुआ यह भयावह सड़क हादसा, जिसमें आठ अमूल्य जिंदगियां काल के गाल में समा गईं और पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए, सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि कई परिवारों पर बरपा कहर है। बांदकपुर से दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं से भरी एक बोलेरो जीप का अनियंत्रित होकर पुल से नीचे गिर जाना, एक ऐसा दृश्य रहा होगा जिसने भी देखा होगा, उसकी रूह कंपा दी होगी। इस दुर्घटना में जान गंवाने वाली छह महिलाएं, जो आपस में सगी बहनें थीं और कटंगी पौंडी की निवासी थीं, विवाहित थीं और अपने-अपने घरों की आधारस्तंभ थीं। उनकी एक साथ मृत्यु ने न केवल उनके पतियों और बच्चों को बल्कि उनके पूरे मायके को शोक के अथाह सागर में डुबो दिया है। सोचिए, एक ही परिवार की छह बेटियों का एक साथ चले जाना, बूढ़े माता-पिता पर क्या गुजरी होगी, भाई-बहनों के दिल पर कैसा वज्रपात हुआ होगा। यह क्षति इतनी गहरी है कि इसे शब्दों में बयां करना भी मुश्किल है।
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में दो मासूम बच्चों की भी जान चली गई। दस से पंद्रह वर्ष की तमन्ना, जिसके पिता देवेंद्र सिंह भींटा के निवासी थे, और आठ से दस वर्ष का शिब्बू, जो डुंगरिया का रहने वाला था, इन दोनों ने तो अभी जीवन की शुरुआत भी नहीं की थी। उनके छोटे-छोटे सपने, उनकी किलकारियां, उनके माता-पिता की उम्मीदें, सब कुछ पल भर में मिट्टी में मिल गया। इन बच्चों की मौत ने इस हादसे को और भी दर्दनाक बना दिया है, क्योंकि यह न केवल वर्तमान का नुकसान है, बल्कि भविष्य की भी अपूरणीय क्षति है।
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने तत्परता दिखाई, जो कि ऐसे संकट की घड़ी में आवश्यक भी है। दमोह के कर्तव्यनिष्ठ कलेक्टर श्री कोचर और संवेदनशील पुलिस अधीक्षक श्री सोमवंशी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने न केवल दुर्घटनास्थल का मुआयना किया, बल्कि राहत कार्यों की निगरानी भी की और यह सुनिश्चित किया कि पीड़ितों को हर संभव सहायता मिले। उनके साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा, एसडीएम सौरव गंधर्व, तहसीलदार डॉक्टर विवेक और स्थानीय थाना प्रभारी अरविंद सिंह भी मौजूद रहे, जो स्थिति को नियंत्रित करने और व्यवस्था बनाए रखने में जुटे रहे। इस त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन पीड़ितों की सहायता के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध था।
दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए पांच लोगों को तत्काल दमोह जिला अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर राविंद्र सिंह और उनकी कुशल टीम ने बिना किसी देरी के घायलों का इलाज शुरू किया। उनकी तत्परता और व्यावसायिकता सराहनीय है। हालांकि, घायलों की गंभीर हालत को देखते हुए, उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए जबलपुर रेफर करने का निर्णय लिया गया। इन मरीजों को अलग-अलग चार-पांच एंबुलेंस में ले जाया गया, और पुलिस ने आगे पायलट वाहन चलाकर यह सुनिश्चित किया कि उन्हें सुरक्षित और जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया जा सके। घायल हुए रज्जो सिंह (55 वर्ष), वैभव सिंह (12 वर्ष), आयुष, अंकित और रविंद्र (22 वर्ष) अब जबलपुर के अस्पतालों में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं, और हम सभी को उनकी सलामती की दुआ करनी चाहिए।
इस दुखद घड़ी में, मृतकों के पार्थिव शरीरों को उनके पैतृक गांव कटंगी पौंडी ले जाना भी एक महत्वपूर्ण कार्य था। इसके लिए तीन शव वाहनों की आवश्यकता थी, जिसे प्रशासन ने संवेदनशीलता से समझा और तुरंत दो वाहनों की व्यवस्था की। तीसरे वाहन को जबेरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से मंगवाया गया ताकि किसी भी प्रकार की देरी न हो। यह दिखाता है कि प्रशासन न केवल तात्कालिक राहत कार्यों पर ध्यान दे रहा था, बल्कि मृतकों के सम्मानजनक अंतिम संस्कार के लिए भी पूरी तरह से सजग था।
कलेक्टर श्री कोचर और पुलिस अधीक्षक श्री सोमवंशी ने मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए न केवल घटनास्थल का दौरा किया, बल्कि जिला अस्पताल पहुंचकर जबलपुर रेफर किए गए घायलों से भी मुलाकात की। उन्होंने न केवल घायलों को ढांढस बंधाया बल्कि उनके परिजनों को भी हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने डॉक्टरों को घायलों के बेहतर इलाज के लिए निर्देशित किया और यह संदेश दिया कि जिला प्रशासन इस मुश्किल समय में उनके साथ खड़ा है। यह संवेदनशीलता और सहानुभूति ही किसी भी प्रशासन को जनता के करीब लाती है।
यह हृदयविदारक घटना एक बार फिर हमारी सड़कों पर सुरक्षा के महत्व को उजागर करती है। यह हमें याद दिलाती है कि एक छोटी सी लापरवाही भी कितनी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है। यातायात नियमों का पालन करना, वाहन चलाते समय सावधानी बरतना और अपनी तथा दूसरों की सुरक्षा का ध्यान रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। इस दुखद हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं, और हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे इस अपार दुख को सहने की शक्ति दें। साथ ही, हम घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं ताकि वे जल्द ही अपने प्रियजनों के बीच लौट सकें। यह घटना हम सभी के लिए एक सबक है कि जीवन अनमोल है और सड़क पर हर कदम सावधानी से उठाना चाहिए।
