दमोह जिले के बांदकपुर चौकी में तैनात प्रधान आरक्षक भगवानदास दाहिया ने हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर एक अनूठा प्रदर्शन
प्रधान आरक्षक दाहिया ने इस अवसर पर बताया कि वे बचपन से ही जलयोग की साधना करते आ रहे हैं। उनके अनुसार, यह कोई सामान्य शारीरिक क्रिया नहीं है, बल्कि यह भगवान की प्रत्यक्ष कृपा का ही परिणाम है कि वे इतनी देर तक पानी में संतुलन बनाए रख पाते हैं। जलयोग, जिसमें पानी में स्थिर रहना और विभिन्न आसन करना शामिल है, एक कठिन साधना मानी जाती है, जिसके लिए शारीरिक और मानसिक संतुलन के साथ-साथ गहरी एकाग्रता की आवश्यकता होती है। श्री दाहिया का घंटों तक पानी में इस प्रकार का प्रदर्शन करना उनकी वर्षों की तपस्या और प्रभु के प्रति अटूट विश्वास को दर्शाता है।
यह उल्लेखनीय है कि प्रधान आरक्षक भगवानदास दाहिया को उनकी असाधारण क्षमताओं और सेवा के लिए पहले भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें राज्य वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जो उनकी बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है। इसके अतिरिक्त, उन्हें योग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भी पुरस्कृत किया गया है, जो उनके शारीरिक और आध्यात्मिक अनुशासन को दर्शाता है।
हनुमान जन्मोत्सव जैसे पवित्र अवसर पर इस प्रकार का जलयोग प्रदर्शन न केवल उनकी व्यक्तिगत भक्ति को दर्शाता है, बल्कि यह दूसरों को भी शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित कर सकता है। उनका यह कार्य बांदकपुर क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है और लोग उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और ईश्वर के प्रति समर्पण की प्रशंसा कर रहे हैं। यह घटना भक्ति, शारीरिक क्षमता और कर्तव्यनिष्ठा के एक दुर्लभ संगम का उदाहरण प्रस्तुत करती है।