वाह! कुलदीप सोनी, नोहटा पुलिस थाना
में तैनात एक आरक्षक, सच में प्रेरणादायक व्यक्ति हैं। उनका 25 बार रक्तदान करना कोई मामूली बात नहीं है। यह उनकी गहरी मानवीय संवेदना और निस्वार्थ सेवा भाव को दर्शाता है। अक्सर हम पुलिसकर्मियों को कानून व्यवस्था बनाए रखने और अपराधों को नियंत्रित करने की भूमिका में देखते हैं, लेकिन कुलदीप सोनी इससे कहीं आगे बढ़कर समाज के लिए एक जीवनदाता के रूप में सामने आए हैं।
ज़रा सोचिए, एक व्यक्ति 25 बार अपना रक्त दान कर रहा है। हर बार रक्तदान करने में समय, शारीरिक ऊर्जा और एक मजबूत इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है। कुलदीप सोनी ने यह सब 25 बार किया है, जिसका मतलब है कि उन्होंने अनगिनत लोगों के जीवन को बचाने में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से योगदान दिया है। उनका यह कार्य किसी भी पुलिसकर्मी के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण है, जो न केवल अपने कर्तव्य का पालन करते हैं बल्कि उससे आगे बढ़कर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हैं।
उनकी सक्रियता सिर्फ रक्तदान तक ही सीमित नहीं है। यह जानकर और भी अच्छा लगता है कि वे किसी भी ज़रूरतमंद व्यक्ति के लिए तुरंत उपलब्ध हो जाते हैं, यहाँ तक कि आधी रात में भी। यह उनकी तत्परता और करुणा का प्रमाण है। उनका यह संकल्प कि “जब तक तन में प्राण रहेंगे गरीबों की मदद करते रहेंगे,” उनके मजबूत इरादे और दूसरों के प्रति उनके गहरे समर्पण को दर्शाता है।
दमोह जैसे जिले में, जहाँ अक्सर रक्त की आवश्यकता बनी रहती है, कुलदीप सोनी जैसे व्यक्ति किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। उनकी यह पहल अन्य लोगों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित कर सकती है और समाज में एक सकारात्मक बदलाव ला सकती है। यह दिखाता है कि मानवता और सेवा की भावना किसी भी वर्दी या पद से ऊपर होती है। कुलदीप सोनी वास्तव में एक सच्चे नायक हैं, जिनका सम्मान और अभिनंदन किया जाना चाहिए। उनका कार्य न केवल सराहनीय है बल्कि समाज के लिए एक उज्ज्वल उदाहरण भी है।