दमोह में “स्वच्छता ही सेवा” अभियान पूरे उत्साह के साथ जारी है और इसका 44वां सप्ताह दीवान जी की तलैया पर केंद्रित रहा।
दीवान जी की तलैया, जो संभवतः एक महत्वपूर्ण जल निकाय या सामुदायिक स्थान है, को साफ करने का यह प्रयास न केवल तात्कालिक स्वच्छता प्रदान करेगा बल्कि इसके दीर्घकालिक पर्यावरणीय और सामाजिक लाभ भी होंगे। स्वच्छ जलाशय बेहतर जल गुणवत्ता में योगदान करते हैं, जो स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र और मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त, एक साफ-सुथरा सामुदायिक स्थान लोगों को एक साथ आने और सामुदायिक भावना को मजबूत करने के लिए एक सुखद वातावरण प्रदान करता है।
इस अवसर पर स्वच्छता हेतु शपथ दिलाना एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल उपस्थित लोगों को स्वच्छता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराने का अवसर देता है बल्कि दूसरों को भी इस महत्वपूर्ण संदेश के प्रति जागरूक करता है। शपथ एक नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना पैदा करती है, जो स्वच्छता को केवल एक गतिविधि से बढ़कर एक जीवन शैली बनाने में मदद करती है।
कलेक्टर श्री कोचर द्वारा श्रमदान कार्यक्रम के बाद सुभाष कॉलोनी नाला और फिल्टर तलैया का निरीक्षण करना यह दर्शाता है कि प्रशासन इस अभियान को गंभीरता से ले रहा है और जमीनी स्तर पर इसकी प्रगति और चुनौतियों का आकलन कर रहा है। अधिकारियों को दिए गए आवश्यक दिशा-निर्देश यह सुनिश्चित करेंगे कि सफाई प्रयासों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए और भविष्य में इन स्थानों की स्वच्छता बनाए रखने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
यह ध्यान देने योग्य है कि “स्वच्छता ही सेवा” जैसे अभियान केवल एक दिन या एक सप्ताह के प्रयास से सफल नहीं होते। इसके लिए निरंतर जागरूकता, सामुदायिक भागीदारी और प्रशासनिक समर्थन की आवश्यकता होती है। दमोह में जिस तरह से विभिन्न हितधारक एक साथ आकर इस पहल को आगे बढ़ा रहे हैं, वह एक सकारात्मक संकेत है और उम्मीद की जानी चाहिए कि यह भावना भविष्य में भी बनी रहेगी, जिससे दमोह एक स्वच्छ और स्वस्थ शहर के रूप में विकसित हो सके। ऐसे प्रयास अन्य शहरों और समुदायों के लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हैं कि किस प्रकार सामूहिक प्रयास से सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।