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दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर द्वारा दी गई यह जानकारी जिले के नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर द्वारा दी गई यह जानकारी जिले के नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। अक्सर देखा जाता है कि ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में, जहाँ योग्य और पंजीकृत चिकित्सकों की उपलब्धता कम होती है, कुछ ऐसे व्यक्ति चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने लगते हैं जिनके पास आवश्यक चिकित्सा ज्ञान और प्रशिक्षण नहीं होता। ऐसे “झोलाछाप” डॉक्टर कई बार गलत निदान और अनुपयुक्त उपचार करके मरीजों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरे में डाल सकते हैं, यहाँ तक कि उनकी जान भी जा सकती है।
उदाहरण के लिए, एक झोलाछाप डॉक्टर साधारण बुखार को कोई गंभीर संक्रमण बताकर गलत दवा दे सकता है, जिससे मरीज की स्थिति और बिगड़ सकती है। या फिर, किसी गंभीर चोट या बीमारी का सही आकलन न कर पाने के कारण वह मरीज को विशेषज्ञ चिकित्सक के पास भेजने में देरी कर सकता है, जिससे बहुमूल्य समय नष्ट हो सकता है और इलाज मुश्किल हो सकता है। कई बार ऐसे अप्रशिक्षित व्यक्ति बिना उचित स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण के तरीकों का पालन किए इलाज करते हैं, जिससे हेपेटाइटिस या एचआईवी जैसे गंभीर संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है।
दमोह हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराने की सुविधा मिलने से अब आम नागरिक ऐसे धोखेबाज चिकित्सकों के बारे में प्रशासन को आसानी से सूचित कर सकेंगे। यह न केवल पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाने में सहायक होगा बल्कि अन्य लोगों को भी ऐसे खतरनाक व्यक्तियों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कलेक्टर श्री कोचर का यह आश्वासन कि शिकायतकर्ता की जानकारी गोपनीय रखी जाएगी, लोगों को बिना किसी डर के आगे आकर सूचना देने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इससे प्रशासन को जिले में चल रही ऐसी अवैध चिकित्सा गतिविधियों पर लगाम लगाने और नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा करने में मदद मिलेगी। यह पहल निश्चित रूप से दमोह जिले के स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
निश्चित रूप से। कलेक्टर श्री सुधीर कुमार कोचर द्वारा दी गई यह जानकारी दमोह जिले के नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। अक्सर देखा जाता है कि ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में, जहाँ योग्य और पंजीकृत चिकित्सकों की उपलब्धता कम होती है, कुछ ऐसे व्यक्ति चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने लगते हैं जिनके पास आवश्यक चिकित्सा ज्ञान और प्रशिक्षण नहीं होता। ऐसे “झोलाछाप” डॉक्टर कई बार गलत निदान और अनुपयुक्त उपचार करके मरीजों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरे में डाल सकते हैं, यहाँ तक कि उनकी जान भी जा सकती है।
उदाहरण के लिए, एक झोलाछाप डॉक्टर साधारण बुखार को कोई गंभीर संक्रमण बताकर गलत दवा दे सकता है, जिससे मरीज की स्थिति और बिगड़ सकती है। या फिर, किसी गंभीर चोट या बीमारी का सही आकलन न कर पाने के कारण वह मरीज को विशेषज्ञ चिकित्सक के पास भेजने में देरी कर सकता है, जिससे बहुमूल्य समय नष्ट हो सकता है और इलाज मुश्किल हो सकता है। कई बार ऐसे अप्रशिक्षित व्यक्ति बिना उचित स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण के तरीकों का पालन किए इलाज करते हैं, जिससे हेपेटाइटिस या एचआईवी जैसे गंभीर संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है।
दमोह हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराने की सुविधा मिलने से अब आम नागरिक ऐसे धोखेबाज चिकित्सकों के बारे में प्रशासन को आसानी से सूचित कर सकेंगे। यह न केवल पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाने में सहायक होगा बल्कि अन्य लोगों को भी ऐसे खतरनाक व्यक्तियों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कलेक्टर श्री कोचर का यह आश्वासन कि शिकायतकर्ता की जानकारी गोपनीय रखी जाएगी, लोगों को बिना किसी डर के आगे आकर सूचना देने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इससे प्रशासन को जिले में चल रही ऐसी अवैध चिकित्सा गतिविधियों पर लगाम लगाने और नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा करने में मदद मिलेगी। यह पहल निश्चित रूप से दमोह जिले के स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

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