दमोह शहर भक्ति और श्रद्धा के रंग में सराबोर हो गया, क्योंकि हनुमान लला जी के जन्मोत्सव के पावन अवसर पर एक विशाल शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। यह शोभा यात्रा शहर के प्राचीन और प्रतिष्ठित गौरी शंकर मंदिर से प्रारंभ हुई, जो न केवल एक धार्मिक स्थल है बल्कि दमोह की सांस्कृतिक धरोहर का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मंदिर के गर्भगृह से सजे हुए रथ पर भगवान हनुमान की मनमोहक प्रतिमा विराजमान की गई, जिसे फूलों और रंगीन वस्त्रों से भव्य रूप से सजाया गया था।
जैसे ही शोभा यात्रा मंदिर के प्रांगण से बाहर निकली, भक्तों का एक विशाल जनसमूह जय श्री राम के उद्घोषों से आकाश को गुंजायमान करता हुआ इसमें शामिल हो गया। शोभा यात्रा में शामिल श्रद्धालु पारंपरिक वेशभूषा में सजे हुए थे, और उनके हाथों में भगवा ध्वजाएं लहरा रही थीं, जो भक्ति और उत्साह का प्रतीक थीं। कई भक्त ढोल-नगाड़ों और अन्य पारंपरिक वाद्य यंत्रों की लय पर थिरकते हुए चल रहे थे, जिससे वातावरण और भी अधिक भक्तिमय और ऊर्जावान हो गया था।
शोभा यात्रा शहर के मुख्य मार्गों से गुजरी, और इस दौरान रास्ते में पड़ने वाले प्रत्येक चौराहे और महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थानीय लोगों और विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य स्वागत और सत्कार किया गया। शहर का घंटाघर, जो दमोह की पहचान का एक महत्वपूर्ण स्थल है, विशेष रूप से सजाया गया था, और यहां पर श्रद्धालुओं के लिए जलपान और अल्पाहार की व्यवस्था की गई थी। विभिन्न स्थानों पर पुष्प वर्षा की गई और आरती उतारी गई, जिससे पूरा वातावरण श्रद्धा और भक्ति से ओतप्रोत हो गया।
इस महत्वपूर्ण आयोजन के दौरान, शहर की शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। एडिशनल एसपी संदीप मिश्रा, एसडीएम आरएल बागरी, सीएसपी अभिषेक तिवारी, मनीष कुमार, टीआई रावेंद्र बागरी, सब इंस्पेक्टर अभिषेक पटैल सहित बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी शोभा यात्रा के साथ-साथ चल रहे थे और विभिन्न स्थानों पर तैनात थे। उनकी उपस्थिति ने यह सुनिश्चित किया कि यह धार्मिक आयोजन शांतिपूर्वक और सुचारू रूप से संपन्न हो। पुलिस अधिकारियों ने स्वयं भी कई स्थानों पर श्रद्धालुओं का अभिवादन किया और व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग दिया।
यह शोभा यात्रा न केवल एक धार्मिक आयोजन थी, बल्कि यह दमोह शहर के लोगों के बीच एकता और सद्भाव का भी प्रतीक थी। विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोगों ने भी इस आयोजन में अपनी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त किया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी आयु वर्ग के लोगों ने इस शोभा यात्रा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और भगवान हनुमान के प्रति अपनी आस्था प्रकट की।
शोभा यात्रा देर शाम गौरी शंकर मंदिर वापस पहुंची, जहां पर महाआरती का आयोजन किया गया और प्रसाद वितरण किया गया। इस प्रकार, हनुमान लला जी का जन्मोत्सव दमोह शहर में बड़े ही धूमधाम और भक्तिभाव के साथ संपन्न हुआ, जिसकी यादें लोगों के दिलों में लंबे समय तक बसी रहेंगी। यह आयोजन दमोह की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करता है।
